Hazaribagh : पुलिस हिरासत में व्यवसायी सुनील कुमार गुप्ता की रहस्यमय तरीके से मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. न्याय की मांग को लेकर व्यवसायियों ने मांग तेज कर दी है. साथ ही मामले ने राजनीतिक रंग पकड़ना भी शुरू कर दिया है. इस मामले में मंगलवार को जहां भाजपा ने डीसी को दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ जल्द गिरफ्तारी की मांग की है, वहीं कांग्रेस नेता डॉ आरसी मेहता ने मामले में सीआईडी जांच की वकालत की है.
इधर, व्यवसायियों और मृतक के परिजनों का कहना है कि पुलिस की पिटाई से सुनील की मौत हुई है. वहीं पुलिस का कहना है कि कस्टडी से फरार होने के बाद छत से कूदने के कारण सुनील की मौत हुई है. इस मामले में व्यवसायी सुनील के छत पर पहुंचने का एक वीडियो वायरल हुआ है. वहीं पुलिस लोगों से बात कर वीडियो की हकीकत की पड़ताल करने में जुटी है. इधर, पूरे मामले का सच उजागर करने के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक कुमार यादव के नेतृत्व में भाजपा के एक शिष्टमंडल ने डीसी को ज्ञापन सौंपा. इसमें दोषी पुलिस कर्मियों की जल्द गिरफ्तारी और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है.
मौके पर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भैया अभिमन्यु प्रसाद, हरीश श्रीवास्तव, ऋषि शर्मा, विवेक बरियार, मनोज सिंह, विनोद भगत, टोनी जैन, सुनील साहू समेत कई लोग मौजूद थे.
वहीं हजारीबाग सदर विधानसभा के पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी डॉ आरसी मेहता ने प्रेसवार्ता कर कहा हिंदुस्तान लीवर एजेंसी के संचालक सुनील गुप्ता की पुलिस हिरासत में मौत हुई है, जो हजारीबाग के लिए पीड़ादायक है. पुलिस ने एक आरोप के तहत सुनील गुप्ता को कस्टडी में लिया था. उसके बाद इलाज के दौरान मौत हो गई. प्रशासनिक पदाधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद सुनील भागकर छत पर चढ़ गए और छत से गिरने से दुर्घटना हुई है. झारखंड सरकार सीआईडी या अन्य जांच एजेंसी से इस घटना की न्याय उचित जांच कराकर दोषियों को कड़ी सजा दे, एवं पीड़ित परिवार को उचित न्याय मिले.
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डॉ आरसी मेहता ने पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के बाद शोक संतिप्त परिवार के घर पत्रकार वार्ता में कहा कि पीड़ित परिवार को परिवारिक लाभ के साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाये. इस परिवार में सुनील गुप्ता ही एकमात्र धन उपार्जक थे. जिनकी कस्टोडियन में मौत हुई है. सुनील गुप्ता ने पत्नी माला देवी से मृत्यु पूर्व इलाज के दौरान उन्हें अस्पताल में कहा था कि पुलिस ने उन्हें बहुत शारीरिक टॉर्चर किया है, जिस कारण वह बोल नहीं पा रहे हैं. डॉ आरसी मेहता ने कहा कि पुलिस का अधिकार है पूछताछ एवं कस्टडी में लेना. कस्टडी के दौरान टॉर्चर मानवाधिकार के खिलाफ है.
पीड़ित परिवार से मिलने वालों में कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष मनोज नारायण भगत, युवा कांग्रेस की प्रदेश सचिव कोमल राज, दशरथ दांगी, सुशांत कुमार, गिरधारी महतो, अजय पासवान समेत कई लोग मौजूद थे.