Ranchi : मूलवासी सदान मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने पिछड़ी जातियों को नगर निकाय चुनाव में आरक्षण नहीं दिए जाने की निंदा की है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार पिछड़ों और सदानों के अधिकारों के खिलाफ खड़ी हो गई है. उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार पिछड़ों की आरक्षण को बढ़ाने की बात करती है. जब पिछड़ी जातियों को अधिकार देने की बात आती है तो सरकार पीछे हट जाती है यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है. प्रसाद ने कहा कि पंचायतों में पिछड़ों को आरक्षण दिए बिना चुनाव कराया गया और अब नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण दिए बिना चुनाव कराने से साबित हो गया कि झारखंड सरकार ने पिछड़ी जातियों को उनके अधिकारों से वंचित कर यह साबित कर दिया कि पिछड़ी जातियों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की बात करना सिर्फ धोखा है.
55 प्रतिशत आबादी की उपेक्षा का मोर्चा विरोध करेगा
मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि यदि सरकार झारखंडियों के हित में कुछ अच्छा काम करती है तो सामाजिक संगठन के नाते मोर्चा ने उसका स्वागत भी किया है. लेकिन झारखंड की 55 प्रतिशत आबादी वाली पिछड़ी जातियों की उपेक्षा करेगी तो मोर्चा इसका विरोध करेगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में पिछड़ी जातियों की और सदानों की उपेक्षा बंद नहीं हुई तो फिर आने वाले समय में इसका खामियाजा सरकार में शामिल दलों को भी भुगतना पड़ेगा. प्रसाद ने कहा कि निकाय चुनाव में पिछड़ी जातियों को हर हाल में आरक्षण दिया जाना चाहिए था. प्रसाद ने कहा कि मूलवासी सदानों की विभिन्न मुद्दों व पिछड़ी जातियों की जनगणना और राजनीतिक आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति की सर्वेक्षण कराने की मांग को लेकर मोर्चा अपना आंदोलन तेज करेगा. उन्होंने कहा कि सात जिलों में पिछड़ी जाति का आरक्षण शून्य है जिसमें तुरंत सुधार करने की आवश्यकता है. प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार के स्तर से जो काम हो सकता है वह कार्य उसको ईमानदारी पूर्वक करना चाहिए.
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