Ranchi : झारखंड में अब सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाकर और दूसरे कोविड-19 को लेकर दिए गए नियमों का पालन करते हुए छठ घाट पर अर्घ्य देने जा सकते हैं. इससे पहले झारखंड सरकार की आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से जारी निर्देश में छठ घाट पर जाने की पाबंदी थी. सरकार के इस फैसले के बाद झारखंड की लगभग सभी पार्टियों ने झारखंड सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन से मिलकर उन्हें पत्र दिया और घाट पर जाने की पाबंदी हटाने की गुजारिश की. सूबे की विपक्षी पार्टी बीजेपी की तरफ से लगातार सरकार पर पाबंदी हटाने का दबाव बनाया जा रहा था. जल सत्याग्रह के अलावा धरना प्रदर्शन भी किया गया.
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पाबंदी हटने के बाद पार्टियां क्रेडिट लेने में लगी
छठ घाट पर जाकर अर्घ्य डालने की पाबंदी हटते ही राज्य की बड़ी पार्टियां इसे अपनी जीत बताने में जुट गयी है. जेएमएम के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा है कि सरकार की तरफ से कोविड-19 से बचने के लिए छठ घाट पर ना जाने का निर्देश जारी किया था. कहा कि छठ घाट पर जाकर अर्घ्य ना डालने की पांबदी के बाद झारखंड की विपक्षी पार्टी ने इसे राजनीतिक रंग रंगने की कोशिश की. भारत सरकार के गाइडलाइन के अनुसार ही झारखंड में कई पर्व और त्योहारों मनाए गए. लोगों की आस्था से किसी तरह का कोई खिलवाड़ नहीं किया गया. वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश का कहा कि यह जनभावना की जीत है. सनातनियों की जीत है. लोक आस्था के महापर्व के श्रद्धालुओं की जीत है. कहा कि तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के खिलाफ जीत है. हेमंत सरकार के गलत नीतियों के खिलाफ जीत है. एक के बाद एक गलत फैसलों के खिलाफ जीत है.