Ranchi: लोकतंत्र बचाओ अभियान का प्रतिनिधिमंडल झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मिलकर राज्य में बिना धार्मिक ध्रुवीकरण के निष्पक्ष विधान सभा चुनाव सुनिश्चित करने की मांग की है. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को 2024 के लोक सभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी द्वारा आचार संहिता का व्यापक उल्लंघनों करने की बात कही. लोकसभा चुनाव में भाजपा के विभिन्न राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय नेता लगातार अपनी चुनावी भाषणों में मुसलमानों के विरुद्ध नफरत व झूठी बातों को फैलाये थे व धार्मिक ध्रुवीकरण कर वोट मांगे थे. उनके द्वारा आचार संहिता व लोक प्रतिनिधित्व कानून का लगतार उल्लंघन किया गया था.
इसके अलावा विभिन्न फेज के चुनाव के दिन भाजपा द्वारा राज्य के सभी प्रमुख अखबारों के पहले पृष्ठ में पार्टी का चिह्न व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ़ोटो के साथ चुनावी विज्ञापन छापा गया था. यह साफ रूप से चुनाव को भाजपा के पक्ष में प्रभावित करने की पहल थी. लोकतंत्र बचाओ अभियान ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को गौर करवाया कि कई बार इन सबकी शिकायत भी की गयी थी, लेकिन नफरती भाषण और विज्ञापन के आलोक में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी थी. साथ ही, हर फेज में ऐसी पर्चियां बांटना भी जारी रहा.
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि इस आलोक में इस संभावना से नकारा नहीं जा सकता है कि विधानसभा चुनाव के पहले भी भाजपा व इनके नेताओं द्वारा फिर से आचार संहिता व लोक प्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन कर धार्मिक ध्रुवीकरण किया जायेगा व वोटरों को विभिन्न अलोकतांत्रिक तरीकों से प्रभावित करने की कोशिश की जाएगी. हाल के दिनों में भाजपा के नेता लगातार राज्य में लव जिहाद, लैंड जिहाद जैसे साम्प्रादायिक शब्दों का इस्तेमाल कर के एवं बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम पर व झूठी बातों के आधार पर भारतीय मुसलमानों को टारगेट कर रहे हैं और धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं. इस परिस्थिति के आधार पर अभियान से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की कि चुनाव आयोग इस बार नेताओं पर कड़ी निगरानी रखे और सुनिश्चित करे कि किसी भी प्रकार का सांप्रदायिक व नफरती भाषण न दिया जाये,
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने लोगों को सीविजिल ऐप पर शिकायत दर्ज करने को भी कहा. इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान खत्म होने के समय को अलग रखने के निर्णय को वापस लिए जायें व प्रवासी मजदूरों के मतदान के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए विशेष पहल की जाये. प्रतिनिधिमंडल में अपूर्वा, लीना, मंथन, नंदिता भट्टाचार्य, प्रवीर पीटर, सिसिलिया लाकड़ा व विनोद कुमार शामिल थे.
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