Tamar: तमाड़ में दो दिन पूर्व हुई भारी बारिश में नहर टूट गई. जिलिगसेरेंग और चीरूपीडी के बीच नहर टूट जाने से सैकड़ों किसानों के खेतों में पानी जाना बंद हो गया.
किसानों में छायी मायूसी
इससे आसपास के किसानों में मायूसी छा गई. बताया जाता हैं कि कांची सिंचाई परियोजना से उस नहर को पानी सप्लाई किया जाता है. इससे तमाड़, सोनाहातू और ईचागढ़ प्रखंड के किसानों के खेतों तक सिंचाई होती है. केनाल टूट जाने से अब तीनों प्रखंड के किसानों के खेत में पानी नही पहुंच पायेगी.
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केनाल टूटने के बाद जिलिंगसेरेंग, कुरकुटा और चीरूपीडी गांव के किसानों ने सरकार से नहर मरम्मत करने की मांग की है. बताया जाता है कि वर्षों पुरानी नहर जर्जर हो चुकी थी. विभागीय लापरवाही के कारण मरम्मत नहीं हो पायी. बीच में छोड़ कर आगे से इसकी मरम्मत की गयी. इससे न सही से पानी जा पाता था और न ही मरम्मत का कोई विशेष फायदा मिल रहा था. नहर के टूट जाने से अब एक नयी समस्या उत्पन्न हो गयी.
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