Ranchi: झारखंड पुलिस के पूर्व डीजी कुमुद चौधरी के खिलाफ जमीन के मामले में मामला दर्ज हो सकता है. हरमू हाउसिंग बोर्ड में जमीन के दस्तावेज में हेरफेर कर 13 डिसमिल जमीन लेने और यहां छह मंजिला मकान बनाने के मामले में एसीबी ने राज्य सरकार से आगे की कार्रवाई करने के लिए अनुमति मांगी है. गौरतलब है कि साल 2013 में झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. आरोप लगाया गया था कि पूर्व डीजी कुमुद चौधरी और उनके पति पूर्व मुख्य सचिव एसके चौधरी ने अपने पद का दुरुपयोग कर हरमू हाउसिंग बोर्ड की जमीन का गलत तरीके से रजिस्ट्री करायी है.
हाईकोर्ट के निर्देश पर एसीबी ने पूरे मामले में प्रारंभिक जांच की थी और आरोपों को सही पाया था. एसीबी ने राज्य सरकार को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट भेजते हुए प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी थी. 5 साल के दौरान एसीबी ने राज्य सरकार को दो बार पत्र लिखकर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन अनुमति नहीं मिली, अब एक बार फिर एसीबी ने राज्य सरकार को पत्र लिखा है.
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जमीन को रैयती बता कर खरीद-बिक्री की गयी थी
जानकारी के मुताबिक, इस मामले में सरकार को बताया गया है कि कुमुद चौधरी के पूर्व भी जमीन को रैयती बता कर खरीद-बिक्री की गयी थी. जबकि इसके पहले जमीन का अधिग्रहण आवास बोर्ड द्वारा किया जा चुका था. कुमुद चौधरी को रैयती बता कर जिस जमीन को बेचा गया है, उसका कुल रकबा 13 डिसमिल है. लेकिन कुमुद चौधरी को 10 डिसमिल जमीन ही बेची गयी थी. इसलिए मामले में सरकारी कर्मियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है. उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी एसीबी कुमुद चौधरी द्वारा खरीदी गयी जमीन के संबंध में सरकार को रिपोर्ट भेज चुकी है. मामले की जांच हाइकोर्ट के निर्देश पर शुरू की गयी थी. जमीन को अवैध तरीके से खरीदने के लिए एसीबी ने पूर्व की जांच में कुमुद चौधरी सहित अन्य को भी दोषी पाया था.
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