- कोलकाता में आदिवासी समन्वय समिति के बैनर तले जुटे हजारों लोग
- कुरमी समर्थकों को आदिवासी गांवों में घुसने नहीं देने का किया एलान
- केंद्र सरकार को दी चेतावनी
Ranchi/ Kolkata : कोलकाता के धर्मतल्ला में शुक्रवार को आदिवासी समन्वय समिति के बैनर तले हजारों लोग जुटे. इसमें समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और वन संरक्षण कानून 2023 प्रमुख मुद्दा रहा. रैली को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय समन्वय समिति के देवकुमार धान, आशिष सिंह सरदार और बिनोद भगत ने कहा कि केंद्र सरकार पूरे देश में यूसीसी लागू करना चाहती है. इसलिए सरकार को आगाह करना चाहते हैं कि आदिवासियों को समान नागरिक संहिता के दायरे से बाहर रखा जाए. इसके लागू होने से आदिवासियों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. देवकुमार धान ने कहा कि केंद्र सरकार इस देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है. उन्होंने यह भी कहा कि वन संरक्षण कानून 2023 आदिवासी विरोधी है. इसे वापस लिया जाए. वक्ताओं ने कहा कि कुरमी या कुड़मी को एसटी सूची में शामिल करने का समर्थन करने वाले नेताओं का आदिवासी गांवों में बहिष्कार किया जाएगा. इन लोगो को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा.
अलग धर्म कॉलम नहीं मिलना आदिवासियों के साथ धोखा
वक्ताओं ने मणिपुर में लगातार हो रहे हमले पर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला. कहा कि देश में सभी धर्मों के लिए अलग धर्म कॉलम है. लेकिन आदिवासियों की संख्या एक तिहाई होने के बावजूद उसे अलग धर्म कॉलम नहीं मिलना जनजातियों के साथ धोखा है. जनगणना परिपत्र में अलग कॉलम नहीं होने से आदिवासियों की संस्कृति, सभ्यता की पहचान नहीं मिल पा रही है. इसे बचाने के लिए आदिवासियों को अलग धर्म कॉलम देना चाहिए.
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