Ranchi: रांची सिविल कोर्ट में पिछले 32 वर्षों से चल रहे एक केस का सोमवार को आपसी समझौते से अंत हो गया. रांची जिला विधिक सेवा प्राधिकार में चल रहे वाद संख्या ओ.एस.- 1468/2019 को विशेषज्ञ मध्यस्थ निर्मल रंजन एवं दोनों पक्षों के अधिवक्ता बीरेंद्र स्वरूप और एके ठाकुर के प्रयास से इस मामले को सुलझा लिया गया. करीब तीन दशक पुराने इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त मुंसफ कोर्ट कुमार सौरभ त्रिपाठी की कोर्ट में चल रही थी. जिसे मध्यस्थता केंद्र रांची में निपटारे के लिए भेजा गया था.
उक्त वाद में प्रथम पक्ष- गोसला उरांव व अन्य और द्वितीय पक्ष मतला तिग्गा व अन्य के बीच बंटवारा वाद न्यायालय में चल रहा था. दोनों पक्ष खाताधारी रामचरण महतो के उत्तराधिकारीगण हैं. दोनों पक्षों में रामचरण महतो के कब्जे वाली भुखण्डों का बराबर-बराबर बंटवारा नहीं होने के कारण विगत कई वर्षों से विवाद चला आ रहा था.
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20 उत्तराधिकारियों में संपत्ति का बंटवारा
दोनों पक्षों द्वारा बंटवारा वाद संख्या- 140/2007 न्यायालय में लाया गया था, जो कि अब वाद संख्या 1468/2019 है. उक्त वाद में अनगड़ा प्रखंड के रामचरण महतो खाताधारी का पारिवारिक बंटावारा कराया गया. इससे पहले रामचंद्र महतो के उत्तराधिकारी पंचायत में गये तथा सरना समिति में भी गये पर उक्त दोनों जगहों पर भूमि का सही से बंटवारा नहीं होने और समय लिये जाने के कारण 2007 में न्यायालय में उक्त वाद को लाया गया था. दोनों पक्षों की तरफ से कुल उत्तराधिकारियों की संख्या 20 है और 20 लोगों के बीच विवादित भूमि का बंटवारा करने की सहमति के बाद वाद संपन्न कराया गया. इस वाद को सुलझाने और दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने में में विशेषज्ञ मध्यस्थ निर्मल रंजन एवं दोनों पक्षों के अधिवक्ता बीरेंद्र स्वरूप एवं एके ठाकुर की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही.