Ranchi : कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज कर लिया है. झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई की दिल्ली ब्रांच ने अमित अग्रवाल के खिलाफ कांड संख्या आरसी 2182023A0002 दर्ज किया है. केस दर्ज करने के बाद सीबीआई की टीम अमित अग्रवाल के पश्चिम बंगाल के कोलकाता और झारखंड के रांची स्थित कई ठिकानों पर गुरुवार को छापेमारी की है. गौरतलब है कि झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार द्वारा केस मैनेज करने के नाम पर 50 लाख रुपये रिश्वत लेने के मामले की जांच अदालत ने सीबीआई को सौंप दी थी. सीबीआई को 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को कहा था. रिपोर्ट देने के बाद सीबीआई ने इस केस को टेकओवर किया है.
सीबीआई ने पूछा था कैसे हुई डील, किसको-किसको मैनेज करने की हुई थी बात
सीबीआई ने इस मामले की प्रारंभिक जांच के दौरान अमित अग्रवाल से पूछा था कि जनहित याचिका को मैनेज करने के लिए कैसे डील हुई. व्हाट्सएप व फोन पर क्या बातें हुईं. पूर्व में जो बातें सामने आ चुकी हैं उसमें अधिवक्ता राजीव कुमार ने दस करोड़ रुपये की मांग की थी और एक करोड़ में सौदा तय हुआ था, यह कितना सही है और इसके क्या सबूत हैं? किन-किन अधिकारियों व न्यायिक पदाधिकारियों को मैनेज करने की बात हुई थी? इन सभी बिंदुओं पर सीबीआई ने अमित अग्रवाल से पूछताछ की थी.
जानें सीबीआई ने दर्ज प्राथमिकी में क्या कहा है
सीबीआई ने दर्ज किए गए प्राथमिकी में कहा है कि मामला रांची में झारखंड उच्च न्यायालय के समक्ष अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से शिव शंकर शर्मा द्वारा दायर एक रिट याचिका से संबंधित है. जिसमें आरोप लगाया गया था कि अग्रवाल शेल कंपनियों के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काले धन को सफेद कर रहे थे. हेमंत सोरेन और पूर्व खनन सचिव पूजा सिंघल के खिलाफ मुख्यमंत्री द्वारा हासिल खनन पट्टे के संबंध में एक और रिट दायर की गई थी. मुख्यमंत्री के पास खान और उद्योग विभाग का भी प्रभार था. अग्रवाल ने तत्कालीन रांची डीसी के माध्यम से जनहित याचिकाओं के संबंध में अधिवक्ता राजीव कुमार को कथित रूप से प्रभावित करने का प्रयास किया. कोलकाता के हरे स्ट्रीट थाने में अग्रवाल ने 31 जुलाई, 2022 को दर्ज कराई शिकायत में राजीव कुमार और शिव शंकर शर्मा के खिलाफ जनहित याचिका को खारिज करवाने के लिए 10 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया. सीबीआई के द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया कि पूछताछ में पता चला कि अमित अग्रवाल द्वारा हरे स्ट्रीट थाने को दी गई जानकारी झूठी थी और न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के इरादे से राजीव कुमार को रिश्वत दी गई थी. प्राथमिकी में कहा गया कि ‘‘हरे स्ट्रीट थाने में की गई शिकायत में लगाए गए आरोप के विपरीत, यह अग्रवाल ही थे, जिन्होंने सोनू अग्रवाल के माध्यम से राजीव कुमार को कोलकाता बुलाया और उन्हें पैसे की पेशकश की. इसके अलावा, अमित अग्रवाल द्वारा रिकॉर्ड की गई बातचीत से न तो राजीव कुमार से वसूली की धमकी का पता चला और न ही आयकर एजेंसी को कोई छापा मारने से रोकने का दावा सच पाया गया.
अमित अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली थी अंतरिम जमानत
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को बीते 16 दिसंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिली थी. झारखंड हाइकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी. पिछली सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता की ओर से कहा गया था, कि हाइकोर्ट के एक अधिवक्ता के द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत उन्होंने पुलिस से की थी. लेकिन ईडी ने मामला दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया जो कि गलत है. साथ ही यह भी कहा गया था कि इस मामले में जिस अधिवक्ता को रिश्वत दी गई थी, उन्हें हाइकोर्ट से जमानत मिल गई है. ऐसे में उन्हें भी जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए.
कोलकाता में पुलिस ने किया था गिरफ्तार
कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल की शिकायत पर राजीव कुमार को कोलकाता में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. बाद में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के क्रम में ईडी ने अमित अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर लिया था. फिलहाल अमित अग्रवाल जमानत पर बाहर हैं. ईडी ने प्रारंभिक जांच में इस मामले में दोनों को समान रूप से दोषी पाया है. मालूम हो कि राजीव कुमार को बंगाल पुलिस ने गत 31 जुलाई को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार करने का दावा किया था. इस मामले में अधिवक्ता राजीव कुमार पर वहां हेयर स्ट्रीट थाने में व्यवसायी अमित अग्रवाल ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी.अमित अग्रवाल ने दावा किया था कि उनके विरुद्ध झारखंड उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका मैनेज करने के नाम पर अधिवक्ता ने 10 करोड़ रुपये की मांग की थी. एक करोड़ रुपये पर बात पक्की हुई थी, जिसकी पहली किश्त के रूप में 50 लाख रुपये लेने के लिए वे कोलकाता गए थे, जहां अमित अग्रवाल ने बंगाल पुलिस की मदद से उन्हें गिरफ्तार करवाया था.
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