Ranchi : सीसीएल मुख्यालय के समक्ष सोमवार को सीसीएल अपरेंटिस ने दो दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इस धरना का नेतृत्व सीसीएल अपरेंटिसशिप संघ के महासचिव सुरेंद्र यादव ने किया. प्रदर्शन के दौरान प्रशिक्षुओं ने सीसीएल से स्थायी रोजगार की मांग की. प्रशिक्षुओं ने कहा कि इसी क्षेत्र में उन्होंने पढ़ाई की है. इसी फील्ड में प्रशिक्षुओं ने 1 साल काम भी किया. प्रशिक्षुओं ने इसी फील्ड में रोजगार की मांग को लेकर धरना दिया.
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एक साल में 750 ट्रेनी को निकाला गया बाहर
सुरेंद्र यादव ने बताया कि कंपनी का कहना है कि उनके पास कोई रोजगार नहीं है. वह प्रशिक्षुओं को रोजगार नहीं दे पायेंगी. सुरेंद्र ने बताया कि वे सेंट्रल कोल फिल्ड अप्रेंटिसशिप के पहले बैच में अपरेंटिस थे. उस बैच में 750 ट्रेनी ऐसे थे, जिसे कंपनी ने एक साल बाद ही बाहर निकाल दिया गया.
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पहले भी दिया सात दिवसीय धरना
धरना प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य कंपनी किसी भी तरह ट्रेनियों को रोजगार देकर परमानेंट करें. इसके पहले भी कर्मचारियों ने सात दिवसीय धरना प्रदर्शन किया था. यह धरना प्रदर्शन 23 नवंबर से शुरु हुआ था.
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सीएमडी ने 15 दिन का मांगा था समय
धरना प्रदर्शन के बाद सीएमडी ने लोगों से 15 दिन का समय मांगा था. 15 दिन के बाद सीएमडी ने कहा कि उन्होंने मेमोरेंडम, कोल फिल्ड (कोलकता) को सौंप दिया.
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आईटीआई डिपार्टमेंट को जॉब देना सीएमडीसी के हाथ : चेयरमैन
प्रशिक्षुओं ने इसके बाद कोलकाता में भी अपना विरोध दर्ज कराया. उन्होंने कोलकाता में 11 जनवरी को धरना प्रदर्शन किया.सेंट्रल कोल फिल्ड(कोलकात्ता) के चेयरमैन ने कहा कि आईटीआई डिपार्टमेंट के लिए जॉब मुहैया कराने के लिए सीएमडीसी स्वतंत्र है.आईटीआई डिपार्टमेंट को जॉब देना सीएमडीसी के हाथ में है.
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