Pune : सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि मणिपुर में चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि कुछ समय में चीजें ठीक हो जायेंगी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति अब उग्रवाद से संबंधित नहीं है. अधिकारियों के अनुसार, मणिपुर में तीन मई से शुरू हुई जातीय हिंसा में अभी तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | The situation in #Manipur is nothing to do with counter-insurgency and is primarily a clash between two ethnicities. It’s a law and order kind of situation and we are helping the state govt. We’ve done an excellent job and saved a large number of lives. The challenges in… pic.twitter.com/O0zlfS5yty
— ANI (@ANI) May 30, 2023
#WATCH | CDS General Anil Chouhan reviews passing out parade of 144th course of NDA in Pune, Maharashtra pic.twitter.com/tnETnpx4GB
— ANI (@ANI) May 30, 2023
मणिपुर में अब स्थिति उग्रवाद से संबंधित नहीं है.
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) चौहान मंगलवार को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के 144वें कोर्स की पासिंग आउट परेड का निरीक्षण करने पुणे पहुंचे थे. मणिपुर की स्थिति पर पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, मणिपुर में सेना, असम राइफल्स को 2020 से पहले तैनात किया गया था. उत्तरी सीमाओं की चुनौतियां कहीं अधिक थीं इसलिए हमने सेना को वापस बुलाया. चूंकि उग्रवाद संबंधी समस्याएं कम हो रही हैं इसलिए भी हम ऐसा कर पाये. उन्होंने कहा मणिपुर में अब स्थिति उग्रवाद से संबंधित नहीं है. उन्होंने कहा कि यह दो जातियों के बीच टकराव और कानून-व्यवस्था की स्थिति है.
सशस्त्र बलों व असम राइफल्स ने बहुत अच्छा काम किया है
सीडीएस ने कहा, मैं कहना चाहूंगा कि सशस्त्र बलों और असम राइफल्स ने वहां बहुत अच्छा काम किया है और बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई है. हालांकि मणिपुर में चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं, अभी इसमें थोड़ा समय लगेगा. उम्मीद है कि ऐसा होगा और सरकार, सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) आदि की मदद से अपना काम कर पायेगी. जवानों को संबोधित करते हुए चौहान ने उत्तरी सीमाओं पर चीन की पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) की तैनाती पर भी बात की.
उन्होंने कहा, हम यूरोप में युद्ध, उत्तरी सीमाओं पर चीन की पीएलए की तैनाती और पड़ोसी देशों में भू-राजनीतिक संकट देखते हैं. ये संकट भारत के लिए चुनौती पेश करते हैं, लेकिन सशस्त्र बल क्षेत्र में भारत के दावों की वैधता और शांति बनाए रखने के लिए दृढ़ हैं.
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