बेरमो : पिछले एक साल से विरोध झेल रहे तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा पर बेरमो में शुक्रवार में सैकड़ों महिला-पुरुष किसान इकट्ठा हुए और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशियों का इजहार किया. इस अवसर पर कहीं जुलूस तो कहीं सभा हुई. सभा में एकत्रित किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी राज्य कार्य समिति के सदस्य एवं झारखंड आंदोलनकारी इफ्तेखार महमूद ने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा किसानों के ‘हार न मानने के अदम्य साहस और स्वाभिमान का प्रमाण है. श्री महमूद ने कहा कि आधुनिक विश्व का इस विशालतम आंदोलन ने ठंडा, गर्मी और वर्षा को सड़कों पर बैठकर झेला. 700+ किसानों की शहादत हुई, गाड़ियों से कुचल कर भी मार डाले गए, लेकिन आंदोलन पीछे नहीं हटा. उन्होंने कहा कि किसान विरोधी कृषि कानूनों की वापसी देश का संविधान, लोकतंत्र और अहिंसक आंदोलन की जीत है. इस अवसर पर अखिल भारतीय किसान सभा के देवानंद प्रजापति, मौजी लाल महतो, बद्री मुंडा सुरेश प्रजापति तथा दिलगर केवट, आदिवासी महासभा के जिला सचिव सोमर मांझी, देवीराम मांझी,आंल इण्डिया तंजीम ए इंसाफ के अशरफ अंसारी, महिला कृषक बंधनी देवी, सीता देवी, रंजू देवी आदि मौजूद थे. तीन कृषि कानून की वापसी पर बेरमो के जारंगडीह में एनसीओईए (सीटू) के तीनों क्षेत्र के नेता व कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालकर जश्न मनाया. अखिल भारतीय किसान महासभा ने बेरमो के फुसरो में जुलूस निकाला. झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला प्रवक्ता बोकारो मदन मोहन महतो भी किसानों के जश्न में शामिल हुए. कार्यक्रम में मदन मोहन महतो जिला प्रवक्ता झारखंड मुक्ति मोर्चा बोकारो, शिवजी कुमार,श्याम किशोर यादव अखिल भारतीय किसान महासभा गाजीपुर बॉर्डर,कैंप इंचार्ज, माला देवी ,सरस्वती देवी मीरा देवी पंकज कुमार साधना कुमारी पूजा कुमारी जानकी कुमारी आदि शामिल थे.
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