Ranchi : राज्य की हेमंत सोरेन सरकार द्वारा 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाने की खुशी में गुरुवार को जश्न का सिलसिला जारी रहा. विभिन्न आदिवासी एवं मूलवासी संगठनों ने मेन रोड में विजय जुलूस निकाला और सीएम हेमंत सोरेन का आभार प्रकट किया. इस मौके पर जमकर ढोल नगाड़ा बजाया गया. नृत्य-संगीत और जमकर नारेबाजी की गयी. लोगों ने एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाया और बधाई दी.
आंदोलनकारियों के सपनों को पूरा किया
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि लंबे समय से राज्य की जनता खतियान आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति की मांग कर रही थी, जिसे हेमंत सोरेन की सरकार ने पारित कर सभी आंदोलनकारियों के सपनों को पूरा करने का काम किया है. जिसके लिए पूरे राज्य की जनता सरकार काआभार व्यक्त करती है. आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि कैबिनेट द्वारा स्थानीय नीति पास होना ऐतिहासिक कार्य है. सरकार विशेष सत्र बुलाकर सदन से पारित कर लागू करे. आमया व झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस अली ने कहा कि 15 नवंबर 2000 को सिर्फ झारखंड राज्य मिला था. बुधवार को कैबिनेट द्वारा 1932 आधारित स्थानीय नीति पारित कर झारखंडी जनता को राज देने का काम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया है.
सैकड़ों की संख्या में महिलाएं एवं पुरुष शामिल थे
इस मौके पर राजी पडहा प्रार्थना सभा के प्रो प्रवीन उरांव, झारखंड कौमी तहरीक के आजम अहमद, केंद्रीय सरना समिति बबलू मुंडा, केंद्रीय सरना संघर्ष समिति के शिवा कच्छप, झारखंड दलित संघर्ष समिति के शिव टहल नायक, कांके सरना समिति डबूल मुंडा, भारतीय दलित वर्ग संघ के सुरेन्द्र कुमार कालिंदी, अनिल उरांव, शिव केशरी, अभय भूंटकुवर, प्रदीप खलखो, शेलिना लकड़ा, सुभानी तिग्गा, रवि खलखो,नवनीत उरांव, जयंत कच्छप, विजय कच्छप, रंजीत लोहरा किशोर लोहरा समेत सैकड़ों की संख्या में महिलाएं एवं पुरुष शामिल थे.
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