LagatarDesk : केंद्र सरकार ने चीनी के निर्यात पर लगी पांबदी को एक साल के लिए और बढ़ा दी है. इस फैसले के बाद 31 अक्टूबर 2023 तक चीनी का निर्यात नहीं किया जा सकेगा. घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता बनाये रखने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने शुक्रवार शाम को नोटिफिकेशन जारी कर इस बात की जानकारी दी है. (पढ़ें,मेरठ में कूड़ा बीनने वाले लोगों के जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सुर्खियों में, 9 पर FIR, तीन महिलाएं गिरफ्तार)
India extends restriction on sugar exports by a year
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— ANI Digital (@ani_digital) October 29, 2022
अगले आदेश तक लागू रहेगी चीनी के निर्यात पर लगी रोक
डीजीएफटी नोटिफिकेशन के अनुसार, कच्ची, रिफाइंड और सफेद चीनी के निर्यात पर लगी पाबंदियों को एक साल और बढ़ा दिया गया है. यह 31 अक्टूबर 2023 या अगले आदेश तक, जो भी पहले आये, तक लागू रहेगा. इससे संबंधित बाकी सारी शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी. हालांकि सरकार ने यह साफ किया है कि यह पाबंदियां यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका को सीएक्सएल और टीआरक्यू शुल्क रियायत कोटा के तहत किये जाने वाले निर्यात पर लागू नहीं होगी. इन दोनों बाजारों में सीएक्सएल और टीआरक्यू व्यवस्था के तहत एक तय मात्रा में चीनी निर्यात की जाती है.
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मई 2022 में सरकार ने चीनी के निर्यात पर लगायी थी रोक
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने चीनी की बढ़ती कीमत को रोकने और चीनी की उपलब्धता बनाए रखने के लिए मई 2022 में सरकार ने चीनी के निर्यात पर रोक लगाया गया था. जो 31 अक्टूबर 2022 तक लागू था. लेकिन डीजीएफटी ने इसे एक साल और बढ़ा दिया है. इसके बाद दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश भारत अगले एक साल तक चीनी का निर्यात नहीं करेगा. भारत चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक होने के साथ इस साल दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक भी रहा है.
इस्मा ने 2022-23 में चीनी का उत्पादन 3.65 करोड़ टन रहने का अनुमान जताया
एक तरप जहां विदेश व्यापार महानिदेशालय ने चीनी के निर्यात पर रोक लगायी है. दूसरी तरफ इस्मा ने अनुमान जताया है कि विपणन सत्र 2022-23 में चीनी का उत्पादन 3.65 करोड़ टन रहेगा. जो पिछले साल के उत्पादन की तुलना में दो प्रतिशत अधिक है. इससे पहले विपणन सत्र 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान चीनी उत्पादन 3.58 करोड़ टन रहा था. एथनॉल के लिए अधिक शीरे का उपयोग किये जाने के बावजूद इस्मा को चालू सत्र में लगभग 90 लाख टन चीनी निर्यात होने की उम्मीद है.
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