Ranchi: महिलाओं के लिए सौर ऊर्जा पम्प मिलना जल और कृषि को उन्नत करने की दिशा में कदम” विषय पर मंगलवार को रांची में सेमिनार का आयोजन किया गया. यह सेमिनार राज्य नवीकरणीय ऊर्जा विभाग (जेआरईडीए) ने स्विच ऑन फाउण्डेशन के साथ मिलकर किया था. कार्यक्रम में सौर ऊर्जा आधारित विभिन्न योजनाओं और इसके लाभ पर विमर्श किया गया. झारखण्ड राज्य नवीकरणीय ऊर्जा विभाग (जेआरईडीए) 2019 में शुरु किये गये प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत राज्य में सोलर वॉटर पम्प वितरित कर रहा है. प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत देशभर में 20 लाख आत्मनिर्भर सौर ऊर्जा पम्प स्थापित करने का लक्ष्य केंद्र सरकार का है.
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झारखंड को 10 हजार सोलर वाटर पंप का कोटा
वर्तमान में केंद्र सरकार की योजना 2019-20 के अंतर्गत झारखंड के लिए 10 हजार सोलर वाटर पंप का कोटा दिया गया है. जेआरईडीए का मानना है कि सोलर वाटर पंप योजना में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जो कार्यक्रम चलाया गया उसने पूरी तरह से काम किया है. आज इस योजना का लाभ पाने वाली महिलाएं महसूस करती हैं कि वो अपने पुरुष साथी के साथ बराबर की भागीदार हैं.
सौर ऊर्जा से पूरी हो सकती है खेती-किसानी की जरूरतें
बैठक को संबोधित करते हुए जेआरईडीए के निदेशक केके वर्मा ने कहा कि “इस बात की तत्काल आवश्यकता है कि खेती किसानी के लिए जो ऊर्जा की जरूरत है, उसे सौर ऊर्जा पर स्थानांतरित किया जाए. इस दिशा में जो क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहा है उसमें जेआरईडीए महिलाओं को राजदूत की भूमिका में प्रस्तुत कर रहा है. सौर ऊर्जा से हम आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ ले सकते हैं, यह बताने की जरूरत नहीं है. आज समय की मांग है कि हम सौर ऊर्जा की ओर खेती-किसानी को अग्रसर करें. जेआरईडीए राज्य में ऐसे 4 लाख आत्मनिर्भर सौर वाटर पंप लगाने के लिए कृतसंकल्पित है.”
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