NewDelhi : केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष में 30.43 लाख करोड़ रुपये का संशोधित कर संग्रह लक्ष्य हासिल नहीं कर पायेगी. एक शीर्ष अधिकारी ने यह अंदेशा जताया है. अधिकारी ने कहा कि पिछले माह पेश किये गये आम बजट 2023-24 के बजट अनुमानों के मुकाबले संशोधित अनुमान 10 प्रतिशत अधिक है. चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों (आरई) के अनुसार सकल कर राजस्व 30.43 लाख करोड़ रुपये रहेगा, जो 27.57 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से अधिक है.
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शुद्ध संग्रह 15-15.5 लाख करोड़ रुपये के बीच हो सकता है.
प्रत्यक्ष कर मामलों के एक अधिकारी ने कहा, आरई काफी अधिक था. हमें इसके कम रहने का अनुमान है. शुद्ध संग्रह 15-15.5 लाख करोड़ रुपये के बीच हो सकता है. चालू वित्त वर्ष (2022-23) में प्रत्यक्ष कर से राजस्व (जिसमें आय और कॉरपोरेट कर शामिल हैं) 2021-22 की तुलना में 17 प्रतिशत बढ़कर 16.50 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. अप्रत्यक्ष कर मामलों के एक अन्य अधिकारी ने कहा, हमारा अनुमान है कि सीमा शुल्क में कमी होगी.’ इस बार के आम बजट में भी सीमा शुल्क संग्रह के अनुमानों को घटाया गया है.
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मोदी सरकार ने राज्य सरकारों के 1,40,318 करोड़ जारी किये
केंद्र सरकार ने 70,159 करोड़ रुपये के सामान्य मासिक अंतरण की तुलना में राज्य सरकारों को 1,40,318 करोड़ रुपये के कर अंतरण की 14वीं किस्त जारी कर दी हैं. यह राज्यों के पूंजीगत और विकासात्मक व्यय में तेजी लाने के लिए उन्हें व्यापक सहयोग देने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अपने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा की ‘केंद्र ने राज्य सरकारों को कर अंशो की 14वीं किश्त जारी कर दी हैं जो की 1।4 लाख करोड़ रुपये हैं. जबकि सामान्य मासिक हस्तांतरण 70,159 करोड़ रुपये हैं. मंत्रालय के अनुसार उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल को सर्वाधिक जबकि राशि अंतरित हुई हैं.