UP : केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के मदरसों की छात्रवृत्ति पर रोक लगा दी है. इस फैसले के बाद क्लास 1 से 8 तक छात्रों को छात्रवृत्ति मिलनी बंद हो जायेगी. केंद्र सरकार ने इसको लेकर निर्देश भी जारी कर दिये गये. हालांकि 9वीं और 10वीं के छात्रों को पहले की तरह ही छात्रवृत्ति मिलती रहेगी.शिक्षा के अधिकार के तहत, मदरसों में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई मुफ्त है. इसके अलावा छात्रों को अन्य जरूरी सुविधाएं भी दी जाती है. मदरसों में मिड डे मील और किताबे फ्री मिलती हैं. इसलिए सरकार ने छात्रवृत्ति बंद करने का फैसला किया है. (पढ़ें, पटना : मोबाइल टावर की चोरी, खुद को कंपनी का अधिकारी बता 3 दिन में खोले सारे पार्ट्स)
पिछले साल करीब 5 लाख छात्रों को मिली थी छात्रवृति
अभी तक मदरसों में 1 से 5 तक के बच्चों को 1000 रुपये छात्रवृत्ति मिल रही थी. वहीं 6 से 8 तक के बच्चों को अलग-अलग कोर्स के हिसाब से छात्रवृत्ति दी जा रही थी. लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद इन छात्रों को छात्रवृति नहीं दी जायेगी. पिछले साल राज्य के 16558 मदरसों में 4 से 5 लाख बच्चों को छात्रवृत्ति मिली थी. मदरसों के बच्चों ने नवंबर में भी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन दिया था. लेकिन केंद्र सरकार ने अचानक छात्रवृत्ति बंद करने का फैसला किया है. हालांकि उत्तर प्रदेश की सरकार ने इसे पहले ही बंद करवा दिया था.
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सर्वे में 8496 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले
दरअसल योगी सरकार ने हाल में मदरसों में उनकी आय की स्त्रोत का पता लगाने के लगाने के लिए सर्वे कराया था. इस सर्वे में 8496 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त पाये गये. सर्वे में पता चला कि इन मदरसों के आय का स्रोत दान है. नेपाल से लगे बॉर्डर इलाके सिद्धार्थनगर में 500, बलरामपुर में 400 , बहराइच और श्रावस्ती में 400 , लखीमपुर में 200, महाराजगंज में 60 से ज्यादा मदरसे गैरमान्यता प्राप्त मिले. इन मदरसों में कोलकाता, चेन्नई, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, सऊदी और नेपाल से दान मिली है. ऐसे में अब यूपी सरकार मदरसों के आय के स्रोत की जांच करवाने की तैयारी कर रही है.
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