Chaibasa: दो वर्षों के बाद शुक्रवार को आपदा प्रबंधन विभाग के गाइड लाइन के अनुसार स्कूल खोले तो गए पर वर्षा के कारण पहले दिन कई बच्चे स्कूल नहीं आ सके. फिर भी जितने बच्चे आए उनके साथ ही स्कूलो में पठन पाठन का कार्य प्रारंभ हुआ. ग्रामीण क्षेत्र में तो कुछ स्कूल ऐसे थे जहां शिक्षक बच्चों के इंतजार में स्कूल में बैठे रहे पर वहां पर एक या दो बच्चे भींगते हुए स्कूल आए. उन बच्चो को एक निश्चित समय के बाद वापस भेज दिया गया.
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गुईरा में शिक्षक बैठे रहे, बच्चे वर्षा के कारण नहीं आ सके
जबकि कुछ विद्यालयों में शिक्षकों को बच्चे के दर्शन तक नहीं हो पाए और शिक्षक पूरे समय तक खाली स्कूलों में बने रहे. समय के समाप्त होने के बाद स्कूल बंद कर दिया गया.सदर प्रखंड के जंगल वर्षा क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों को बच्चों के लिए बैठ कर इंतजार करना पड़ा पर बच्चे वर्षा के कारण स्कूल नहीं आ सके. मध्य विद्यालय गुईरा के शिक्षक अशोक राम ने बताया कि शिक्षक स्कूल में बच्चों के इंतजार में बैठे रहे पर बच्चे वर्षा के कारण स्कूल नहीं आ सके.
आसनपाठ में बैंड की धुन पर प्रार्थना सभा का संचालन
जबकि मझगांव प्रखंड में स्थित अलग थी. वहां शुक्रवार को खुले मध्य विद्यालय, आसनपाठ में हमेशा की तरह शिक्षक विमल किशोर बोयपाई की दिशा निर्देश में बैंड की धुन पर प्रार्थना सभा का संचालन हुआ. हालांकि विद्यार्थियों की उपस्थिति उत्साहजनक नहीं थी. शहरी क्षेत्र के टाटा कालेज कालोनी मवि में लगभग 30 बच्चे आए. प्रधान शिक्षक उपेन्द्र सिंह ने बताया कि उन्हें कुछ ही पीरियड तक पढ़ाया गया. झींकपानी प्रखंड में भी कुछ स्कूलों में बच्चों के आने की सूचना है. वहां भी पानी में भींगते हुए बच्चे अपने-अपने स्कूल आए. पर उन्हें कुछ समय के बाद शिक्षकों ने पढ़ाया और बाद में बच्चे अपने अपने घर चले गए.
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