Chaibasa : महिला कॉलेज चाईबासा के बीएड विभाग की ओर से मंगलवार को हिंदी दिवस पर ऑनलाइन मेरी भाषा, मेरी पहचान विषय पर परिचर्चा कर वेबिनार का आयोजन किया गया. इसमें बीएड विभाग की सभी छात्राएं शामिल हुईं. दिनभर कई इंवेट के तहत कार्यक्रम आयोजित किए गए. पहले सत्र में हिंदी भाषा की दशा और दिशा पर वाद-विवाद किया गया. इस दौरान छात्राएं शामिल होकर हिंदी भाषा की विशेषता पर अपना विचार रखीं. इसके अलावा वाद-विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. इसमें कुल आठ छात्राएं शामिल हुईं. बीएड शिक्षक मुबारक करीम और अर्पित सुमन टोप्पो की अध्यक्षता में पहले सत्र का ऑनलाइन वेबिनार हुआ. मौके पर बीएड शिक्षक एमके हाशमी ने कहा कि हिंदी भाषा ही हमारी पहचान है. हिंदी भाषा की जो स्थिति आज है उसको सुधारना हम सबों को कर्तव्य है. अंग्रेजी बोलकर खुद पर गर्व महसूस करते हैं, लेकिन हिंदी का उपयोग बहुत जरूरी होता है. यह हमारी खुद की भाषा है. मौके पर बीएड शिक्षक अर्पित सुमन टोपनो ने कहा कि भाषा की पहचान शब्दों से होती है. हिंदी भाषा में जिस तरह के शब्द हैं, वे किसी भी भाषा में नहीं हैं. हम सबों को गर्व करने की जरूरत है. इस दौरान विभागाध्क्ष डॉ ओनिमा मानकी, एमके हाशमी, डॉ पुष्पा कुमारी, बबिता कुमारी, धनंजय कुमार, सुजाता किस्पोट्टा, सितेंद्र रंजन समेत काफी संख्या में छात्राएं शामिल हुई.
मेरी भाषा मेरी पहचान वाद -विवाद में 8 छात्राएं शामिल
वेबिनार के पहले सत्र में मेरी भाषा मेरी पहचान के तहत वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें कुल आठ छात्राएं शामिल हुईं. सभी छात्राओं को 10-10 मिनट का समय दिया गया. इसमें प्रीति कुमार, प्रियंका कुमारी सिंह, नूतन बानरा, रीमा कुमारी, प्रतिमा सिंकू, खुशबु तियू, श्वेता करूवा व निधि कुमार सिंह शामिल हुईं.
विभिन्न इंवेट में दिनभर चल रहा वेबिनार
महिला कॉलेज के बीएड विभाग की ओर से मंगलवार को दिनभर विभिन्न इंवेट के तहत वेबिनार का आयोजन किया गया. इस दौरान विद्यार्थियों के बीच प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ. इसमें लोक गायन, दोहा की प्रस्तुति, वर्तमान समय में हिंदी भाषा की दशा व दिशा पर वाद विवाद, स्लोगन, चित्रांकन, स्वरचित पटकथा समेत कई प्रतियोगिताओं कता आयोजन किया गया.