Chaibasa: कांग्रेस भवन में बुधवार को बागुन सुम्ब्रुई की जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर सदस्यों ने पुष्प अर्पित किया और श्रद्धांजलि दी. बागुन कोल्हान प्रमंडल के कद्दावर नेता माने जाते थे. उन्होंने राजनीति का शुभारंभ छोटानागपुर और संथाल परगना को बिहार से अलग झारखंड राज्य बनाने को लेकर किया. इसके लिए उन्होंने आंदोलन किया. उनका यह मुद्दा धीरे-धीरे आगे बढ़ता रहा.
देखें वीडियो-
पहली बार बिहार विधानसभा का सदस्य बने थे
बागुन देश के बड़े आदिवासी नेता रहे. आदिवासी होते हुए भी सभी के बीच लोकप्रिय थे. वे वर्ष 1967 से पहली बार बिहार विधानसभा का सदस्य निर्वाचित हुए. वे चार बार बिहार विधानसभा तथा झारखंड विधानसभा के सदस्य रहे. वे बिहार राज्य में वन मंत्री तथा कल्याण मंत्री रहे. वे पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे.
इसे भी पढ़ें- पानी टैंकर खरीद में गड़बड़ी, प्रखंड के 14 पंचायत सचिवों के सिर पर लटक रही तलवार
लोकप्रिय नेता थे
वे झारखंड विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे. विभिन्न उच्च संवैधानिक पद पर रहने के बावजूद भी आमलोगों की तरह रहते थे. वे अपने कार्यकर्ता तथा आमलोगों के लिए हमेशा उपलब्ध रहते थे. वे लोगों से जनसंवाद करते थे. इस वजह से बागुन अभी भी लोगों द्वारा याद किये जाते हैं.
इसे भी पढ़ें-रांचीः नेता प्रतिपक्ष के लिए दूसरा कोई नाम आता है तो उस पर होगा विचार- स्पीकर