- सूचना का अधिकार अधिनियम से प्राप्त सूचना से हुआ खुलासा
- सीओ कहते हैं- सीएनटी एक्ट की धारा-49 (6) ए के तहत नेवटिया ने आदिवासी जमीन खरीदी
Chaibasa (Sukesh kumar) : चाईबासा तथा इसके आसपास इलाकों में आदिवासी जमीनों की खरीद-बिक्री में सीएनटी एक्ट की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही है. इसका खुलासा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मिली सूचना से हुआ है. दरअसल कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां ने उप समाहर्ता, भूमि सुधार (एलआरडीसी) चाईबासा से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत पूछा था कि सीएनटी एक्ट-1908 की धारा-49 में कितनी उपधाराएं हैं.
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इसके जवाब में जन सूचना पदाधिकारी सह उप समाहर्ता प्रभारी, विधि शाखा चाईबासा ने जानकारी दी है कि इस अधिनियम की धारा-49 में केवल पांच उपधाराएं है. श्री सावैयां का कहना है कि ऐसे में उद्योगपति बनवारी लाल नेवटिया का यह दावा कि उन्होंने सीएनटी एक्ट की धारा-49 की उपधारा (6) ए के तहत आदिवासी रैयत डीबर देवगम की जमीन खरीद लिया है. बिल्कुल झूठा और फर्जी है. क्योंकि एलआरडीसी सूचना में कानूनी तौर कह रहे हैं कि धारा-49 में पांच तक ही उप धाराएं मौजूद हैं. ऐसे में छठी उप धारा के तहत जमीन खरीद लेने का उनका दावा झूठा साबित हो जाता है.
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यदि एलआरडीसी की सूचना सही मानी जाये, तो सदर अंचलाधिकारी का दावा गलत हो जायेगा, क्योंकि उन्होंने ही तीन महीने पूर्व जमीन मालिक डीबर देवगम को नोटिस (सीमांकन वाद संख्या-154/2023-2024) भेजकर कहा था कि उनकी जमीन को श्री नेवटिया ने सीएनटी एक्ट की धारा-49 (6) ए के तहत खरीद लिया है. अंचलाधिकारी ने उस नोटिस में ये भी कहा था कि डीबर की इस जमीन, जिसका खाता-54, प्लॉट-1116, रकवा-1.44 एकड़ है, की खरीद बनवारी लाल नेवटिया ने 25 नवंबर 1988 में अपर उपायुक्त से अनुमति प्राप्त कर किया था. जबकि उनके बड़े अधिकारी एलआरडीसी कहते हैं कि ऐसी उप धारा तो धारा-49 में तो है ही नहीं. इससे साफ पता चलता है कि संबंधित अधिकारी भी यहां सीएनटी एक्ट-1908 का अक्षरश: अनुपालन नहीं कर रहे हैं, बल्कि उनकी गलत व्याख्या कर जमीन हस्तांतरण में फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा है.
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इसका खामियाजा यहां के भोले-भाले आदिवासी रैयतों को भुगतना पड़ रहा है. जनप्रतिनिधि भी इस मामले में खामोश हैं. सीएनटी एक्ट में तो थाना क्षेत्र की बाध्यता की भी धज्जियां उड़ायी जा रही है. अंचल कार्यालय हो या अवर निबंधन कार्यालय या फिर भूमि सुधार विभाग हर जगह भ्रष्ट अधिकारियों व भू-माफियाओं का ही बोलबाला है. कहने को सीएनटी एक्ट-1908 आदिवासी जमीनों की सुरक्षा के लिये बनी थी. लेकिन भू-माफियाओं ने संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से इसे मजाक बना दिया है.
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किरीबुरु : केवी मेघाहातुबुरु के समीप पेड़ गिरा, बड़ा हादसा टला
Kiriburu (Shailesh Singh) : केन्द्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरु के समीप मुख्य मार्ग पर एक गुलमोहर का पेड़ जड़ से उखड़ कर गिरने से बडा़ हादसा टला. यह पेड़ शहर में जारी भारी वर्षा के दौरान आज दोपहर में तब गिरा जब इस मार्ग से एक भी वाहन या लोग गुजर नहीं रहे थे.
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अगर यह पेड़ दोपहर 2 बजे के आसपास गिरता तो कई वाहन व लोग इसके चपेट में आते, जिससे जान-माल का नुकसान होता. केन्द्रीय विद्यालय की छुट्टी के दौरान काफी संख्या में लोग दोपहिया, चारपहिया वाहनों या पैदल अपने-अपने बच्चों को लेने स्कूल आते हैं.
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