- अधूरे हैं अलग झारखंड के सपने : सुखराम
Chaibasa (Sukesh kumar) : खूंटी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बाद पश्चिमी सिंहभूम जिले के कांग्रेसियों ने उलीहातु जाकर धरती आबा बिरसा मुंडा के वंशज सुखराम मुंडा से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना. सुखराम मुंडा की उम्र करीब अस्सी वर्ष है. उनसे मिलने वालों में सांसद प्रतिनिधि व प्रदेश प्रतिनिधि विश्वनाथ तामसोय, बासुदेव सिंकु, हरीश बोदरा, सूरज तामसोय, ईस्माईल दास, लाल होनहागा, बिरसा बारजो शामिल थे.
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कांग्रेसियों ने उनसे उनकी भाषा मुंडा और हो भाषा में उनका हालचाल जाना और झारखंड की दशा पर चर्चा की. मुंडा भाषा में सुखराम कहते हैं, अलग झारखंड तो बन गया. लेकिन इसके पीछे के उद्देश्य और सपने आज भी अधूरे ही हैं. उन्होंने अपने पूर्वजों के रोंगटे खड़े करनेवाले संघर्षों, बलिदानों की संक्षिप्त चर्चा की. ब्रिटिश हुकूमत के छक्के छुड़ानेवाले शहीद बिरसा मुंडा के इस वंशज ने लड़खड़ाती जुबान से कहा कि बिरसा मुंडा के इस गांव का समुचित विकास भी अब तक नहीं हुआ है. गांव में कई समस्याए हैं.
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उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा ने जल, जंगल, जमीन और हमारी अस्मिता के लिये अपने प्राणों की आहूति दी थी. इसलिये इस गांव की उपेक्षा नहीं होनी चाहिये. मालूम हो कि सुखराम मुंडा धरती आबा बिरसा मुंडा के आधिकारिक तौर पर घोषित वंशज हैं. जिनकी आयु अभी करीब अस्सी वर्ष है. सुखराम मुंडा को सरकार की ओर से कई सम्मान मिले हैं.
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चाईबासा : सरकारी शहीद पार्क बनी टीपीएसएल ग्रुप के निजी संपत्ति
- शहर के बीच बना है ऐतिहासिक सुंदर और भव्य पार्क
- लोगों को नहीं मिल रहा लाभ, अधिकांश समय बंद रहता है पार्क
- सुबह पांच बजे से रात आठ बजे तक खोलने की मांग
Chaibasa (Sukesh kumar) : जिला प्रशासन और नगर परिषद चाईबासा का एकमात्र शहीदों के नाम पर ऐतिहासिक शहीद पार्क पर टीपीएसएल ग्रुप का कब्जा हो गया है. कोल्हान प्रमंडल मुख्यालय चाईबासा शहर के बीचो-बीच शहीदों के नाम पर ऐतिहासिक धरोहर के रूप में बना सरकारी शहीद पार्क टीपीएसएल ग्रुप की निजी संपत्ति बनकर रह गई है. पूर्व के जिला प्रशासन द्वारा शहर के चौक चौराहो के सौंदर्य करण और एवं सर्वांगीण विकास के लिए चौक चौराहो, पार्क और सरकारी भूमि को उद्योगपतियों संस्थाओं के नाम कर दिया था.
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पूंजीपतियों उद्योगपतियों के हाथों शहर के चौक चौराहो एवं शहीद पार्क को संचालन करने के लिए दिया था. या यूं कहें की शहर के चौक चौराहों को पूंजीपतियों उद्योगपतियों के हाथों गिरवी रख दी थी. तरह टाटा स्टील, रुंगटा ग्रुप, एसीसी सीमेंट कंपनी को विभिन्न चौक चौराहो के सौंदर्य करण का जिम्मा दिया गया था, उसके देखभाल की जिम्मेदारी दी गई थी. शहीद पार्क के सौंदर्यीकरण देखभाल की जिम्मेवारी टीपीएसएल ग्रुप को दी गई थी. शहीदों के नाम पर बना ऐतिहासिक शहीद पार्क का टीपीएसएल ग्रुप द्वारा भव्य सौंद्रयीकरण भी किया गया. एक से बढ़कर एक पेड़ पौधे , फुल बगीचा लगाई गई.
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भव्य पार्क बनाया गया. मगर इस शहीद पार्क पर टीपीएसएल ग्रुप ने कब्जा कर लिया जो जिला प्रशासन और नगर परिषद की सरकारी संपत्ति है. शहीद पार्क चाईबासा शहर जिला मुख्यालय के बीचो-बीच एकमात्र पार्क है जहां लोग अपने परिवार, दोस्तों, सगे संबंधियों आदि के साथ घूमने जाते हैं. शहर में कचहरी तालाब का जुबली पार्क दूसरा मनोरंजन का साधन है. इसके अलावा और कोई पार्क या स्थल शहर में नहीं है. जहां लोग कुछ घंटे आराम से मनोरंजन कर सके और उसका लुप्त उठा सके, क्योंकि शहीद पार्क टीपीएसएल ग्रुप द्वारा संचालित किया जाता ह सुबह और शाम में कुछ ही घंटे के लिए पार्क खुलता है. शहीद पार्क आम लोगों के लिए खोला जाता है अधिकांश समय पर पार्क बंद रहता है. जबकि सुबह 5 बजे से रात्रि 8 बजे तक यह पार्क आम लोगों के लिए खोला जाना चाहिए.
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पार्क में लाइट बत्ती और सुरक्षा का भी पुख्ता इंतजाम होना चाहिए. ताकि शहर के बीचो-बीच स्थित इस ऐतिहासिक शहीद पार्क का शहर के लोग और बच्चे इसका लाभ उठा सके. हालांकि ग्रुप द्वारा सिक्योरिटी गार्ड रखा गया है. लेकिन अधिकांश समय पर यह पार्क बंद रहता है. जिससे लोग शहर के बीचो बीच प्रसिद्ध ऐतिहासिक और सुंदर बने पार्क का लुफ्त नहीं उठा पाते है. चाईबासा में रुंगटा ग्रुप की रूंगटा गार्डन, उद्योगपति बी एल नेवटिया की न्यू कॉलोनी टुंगरी में नेवटीया गार्डन, टाटा चाईबासा रोड पर उद्योगपति स्वर्गीय अशोक कुमार जैन की जैन पार्क है लेकिन यह तीनों पार्क इन उद्योगपतियों की निजी संपत्ति है. हालांकि पर्व त्योहारों एवं नववर्ष आदि पर रूंगटा गार्डन आम लोगों के लिए खुला रहता है.
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अन्य दिनों में पार्क बंद रहता है और पास के आधार पर पार्क में लोग जा सकते हैं उसका लुप्त उठा सकते हैं. मगर शहर के चौक चौराहो और शहीद पार्क को जिस उद्देश्य के साथ जिला प्रशासन ने उद्योगपतियों को दी थी, सौंद्रयीकरण एवं देखभाल का जिम्मा सौंपा था. वह उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है. नगाड़ा चौक के आसपास चारों तरफ गड्ढे हो गए हैं वहीं शहीदों के नाम पर बना ऐतिहासिक शहीद पार्क पर टीपीएसएल ग्रुप की निजी संपत्ति बनकर रह गई है. एक तरफ सरकार और जिला प्रशासन करोड़ो अरबों रुपए से पूरे जिला का विकास करती है, विकास योजना चलाती है. मगर चौक चौराहो, ऐतिहासिक स्थलों को खुद सुरक्षित नहीं कर पाती, चला नहीं पाती और उद्योगपतियों पूंजी पतियों के हाथों गिरवी रख देती है.
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चक्रधरपुर : भाजपाइयों ने बैठक कर गांव चलो अभियान की दी जानकारी
Chakradharpur (Shambhu Kumar) : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से चलाये जा रहे कार्यक्रम गांव चलो अभियान को लेकर बुधवार को चक्रधरपुर की पुरानी बस्ती स्थित शक्ति केन्द्र बूथ संख्या 193 व 194 में बैठक का आयोजन किया गया. इस मौके पर मुख्य रुप से मौजूद झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक षाड़ंगी, भाजपा के नगर संयोजक सुशांत पाणी, सह संयोजक तुषारकांत नंदा ने गांव चलो अभियान के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी. मौके पर अशोक षाड़ंगी ने कहा कि गांव चलो अभियान के तहत गांवों में जाकर केन्द्र सरकार द्वारा चलायी जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी देना है.
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साथ ही इस अभियान के तहत सभी बूथों पर एक कार्यकर्ता को 24 घंटे का समय क्षेत्र की जनता के साथ बिताना है. यह अभियान 12 फरवरी तक चलाया जाएगा. साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर कार्य करना होगा. इस मौके पर भाजपा नेता पप्पु षाड़ंगी, सुखदेव होता, विश्व सहर, अजीत षाड़ंगी, छोटेलाल माझी, बंटी मंडल, कृष्णा मंडल, सुमंत नंदा, नील माधव सहर के अलावे पार्टी के अन्य कार्यकर्ता व स्थानीय महिला-पुरूष मौजूद थे.
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चक्रधरपुर : पवन चौक पर शिविर लगा स्वनिधि योजना की दी जानकारी
Chakradharpur (Shambhu Kumar) : प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को लेकर बुधवार को चक्रधरपुर की पवन चौक पर नगर परिषद की ओर से शिविर लगाया गया.इस मौके पर मौजूद योजना की देखरेख करने वाली सीआरपी मंजू देवी ने कहा कि शिविर दो दिनों तक आयोजित की जाएगी. इसके तहत शहर के चौक-चौराहों पर सड़क किनारे दुकान लगाने वाले स्ट्रीट वेंडरों को ऋण सब्सिडी पर दिये जा रहे हैं.
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इससे स्ट्रीट वेंडर जैसे ठेला-खोमचा लगाने वाले दुकानदार अपनी आय को बढ़ा सकेंगे. छोटे पूंजी से दुकानदार अपनी बड़ी पूंजी बना सकते हैं. इसके लिए बैंक खाता का छायाप्रति, आयु प्रमाण पत्र, पहचान पत्र,एक फोटो लाभुकों को देना जरुरी है.इस दौरान कई लोगों ने आवेदन फॉर्म भी भरकर जमा किये. इस मौके पर नगर परिषद् के अन्य कर्मचारी मौजूद थे.
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मझगांव : 580 आबुआ आवास योजना के लाभुक सीएम को देंगे स्वीकृति पत्र
Majhgaon (Md Wasi) : मझगांव प्रखंड सभागार में प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायत मुखिया एवं आवास कर्मियों के साथ बीडीओ जोसेफ कंडुलना ने बुधवार को बैठक आयोजित की. प्रखंड विकास पदाधिकारी जोसेफ कंडुलना ने कहा कि झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन आगामी 9 फरवरी को पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर में आबुआ आवास योजना का स्वीकृति पत्र चयनित लाभुकों को प्रदान करेंगे. जिसके लिए मझगांव प्रखंड अंतर्गत 12 पंचायत के 88 गांवों के आबुआ आवास योजना मे 580 सूचीबद्ध लाभुक स्वीकृति पत्र लेने के लिए जमशेदपुर जाएंगे. 580 लाभुको को 9 बसों में लेजाया जाएगा.
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प्रथम सूची अनुसार एससी एसटी कैटेगरी में 290, ओबीसी कैटेगरी में 203, माइनॉरिटी में 58 सामान्य केटेगरी में 29 लाभुक सूचीबद्ध किए गए हैं. प्रत्येक पंचायत से जाने वाले आबुआ आवास लाभुकों के साथ दो दो सुपरवाइजर नियुक्त की गई है. बैठक में बीपीआरओ विश्वकर्मा बारिक, आवास योजना समनवयक जीत सिंह जोजो, मुखिया लक्ष्मी पिंगुवा, मुखिया मधु धान, चंद्रभूषण पाठ पिंगुवा, मुखिया चंद्रिका नायक, गोविंद बिरुवा, मुखिया विवेकानंद पूर्ति, नयागांव मुखिया लक्ष्मी पिंगुवा, मुखिया निरंजन गोंड, गोंडो सामड सहित अन्य उपस्थित थे.