Chaibasa : पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय में झारखंड राज्य की महिला, बाल-विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा माझी की अध्यक्षता मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अंतर्गत विभिन्न प्रक्षेत्र की योजनाओं में लाभुक चयन तत्पश्चात जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट केअंतर्गत वरीयता क्षेत्र की योजनाओं पर विचार हेतु डीएमएफटी शासी समिति की बैठक आयोजित हुई. बैठक में डीएमएफटी अंतर्गत उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र यथा पेयजल, स्वास्थ्य, प्रदूषण नियंत्रण, शिक्षा, महिला व बाल कल्याण, स्किल डेवलपमेंट, स्वच्छता सहित अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्र के तहत आधारभूत संरचना का प्राथमिकता के आधार पर विकास कार्यों के संचालन निमित्त विस्तृत रूप से विचार विमर्श किया गया. बैठक के दौरान सर्वप्रथम मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की जिला स्तरीय समिति के समक्ष जिला पशुपालन पदाधिकारी के द्वारा बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में पशुपालन प्रक्षेत्र के कुल 441 लाभुकों एवं गव्य प्रक्षेत्र में कुल 21 लाभुकों को परिसंपत्ति का वितरण किया गया है. बैठक में योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोड़ देने के निर्देश के साथ ही वित्तीय वर्ष 2021-22 में पशुपालन प्रक्षेत्र की कुल 801 व गव्य प्रक्षेत्र की कुल 83 लाभुकों के चयन की स्वीकृति दी गयी. बैठक उपरांत मंत्री श्रीमती माझी ने बताया कि आज के डीएमएफटी शासी निकाय की बैठक में निहित प्राथमिकता आधारित कई नए पहल से संबंधित प्रस्ताव रखे गए हैं.
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इनमें प्रमुख रूप से बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु साइंस पार्क का निर्माण एवं नौजवानों को रोजगार हेतु संबल बनाने के लिए कौशल विकास सहित विकास के कई अन्य प्रस्ताव पर समिति सदस्यों के द्वारा सहमति प्रदान की गई है. बैठक के पश्चात सांसद श्रीमती कोड़ा ने कहा कि जिले के चौमुखी विकास के लिये आज शासी निकाय सदस्य गणों की उपस्थिति में प्रमुखता से स्किल डेवलपमेंट एवं स्वास्थ्य सेवाओं के सुढृढ़ीकरण सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में विकास आधारित योजनाओं के क्रियान्वयन पर मंथन करते हुए सड़क, पुल, पुलिया, शौचालय आदि के आधारभूत संरचना निर्माण के प्रस्ताव पर मुहर लगाया गया है. मौके पर सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा, जिला उपायुक्त अनन्य मित्तल, चाईबासा विधायक दीपक बिरुवा, चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव, मझगांव विधायक निरल पुर्ती, खरसावां विधायक दशरथ गागराई, जगन्नाथपुर विधायक सोनाराम सिंकु, पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा, चाईबासा/सारंडा वन प्रमंडल पदाधिकारी, कार्यकारी प्रधान जिला परिषद सहित अन्य की उपस्थिति थे.