Chaibasa : 36 एकड़ में फैला टाटा कॉलेज का मैदान ही 15 एकड़ से अधिक भूमि पर है. इस मैदान हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल समेत विभिन्न खेलों का आयोजन होता है. लेकिन मैदान की चारदीवारी नहीं होने के कारण अब अस्तित्व भी खत्म होता दिख रहा है. समय रहते चारदीवारी का निर्माण नहीं होता है तो मैदान बच नहीं सकता. मैदान के बीचोबीच वाहन से रोजाना लोग गुजरते हैं. गाय, बैल भी चरते रहते हैं. इसमें किसी तरह की रोक टोक भी नहीं है. छात्र प्रतिनिधि अपने हिसाब से जितना मैदान को सुरक्षित करते हैं उतना ही है. कोल्हान विवि की ओर से किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है. टाटा कॉलेज के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं. तीरंदाजी की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी कोमालिका बारी भी टाटा कॉलेज की ही छात्रा है. छात्र प्रतिनिधियों द्वारा लगातार विवि और टाटा कॉलेज को मैदान की चारदीवारी निर्माण को लेकर मांग करते आ रहे हैं, लेकिन फंड नहीं होने की बात कहकर टाल दिया जाता है. मालूम हो कि टाटा कॉलेज के मैदान को पहले से ही विवि ने काटकर पीजी विभाग बना चुका है. अब विद्यार्थियों को भय है कि कहीं चारदीवारी नहीं होने से मैदान को और काट न दिया जाए.
चाईबासा सदर के विधायक दीपक व सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा दे चुकी हैं चारदीवारी निर्माण का आश्वासन
चाईबासा के सदर विधायक दीपक बिरूवा और सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने दो साल पूर्व ही टाटा कॉलेज के चारदीवारी निर्माण का आश्वासन दिया था. लेकिन अभी तक शुरू भी नहीं हुआ है. इससे विद्यार्थी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. विद्यार्थियों की मांग है कि मैदान की चारदीवारी का निर्माण कराया जाए, ताकि मैदान सुरक्षित रह सके. छात्र प्रतिनिधि सुबोध माहकुड़ ने कहा कि मैदान को सुरक्षित रखने के लिए चारदीवारी का निर्माण जरूरी है. स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर विवि को भी इस संबंध में पत्राचार कर चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी तरह की सकारात्मक पहल नहीं हुई है. चारदीवारी नहीं होने से मैदान खराब हो रहा है.