Chaibasa (Sukesh kumar) : विगत दिन राज्य सरकार की वर्ष 2021 की नियुक्ति नियमावली झारखंड हाईकोर्ट में असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है. हेमंत सरकार ने राज्य में सरकारी पदों पर नियुक्तियों के लिए झारखंड से ही 10वीं और 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य कर दिया था. जिसके कारण लाखों छात्र अपने ही राज्य में प्रवासी हो गए थे. बाद में छात्रों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. आंबेडकराईट पार्टी ऑफ इंडिया सिंहभूम चाईबासा सहायक लोकसभा प्रभारी सह युवा नेता रामहरि गोप ने कहा कि सरकारों की गलत नीतियों के कारण राज्य भर में करोड़ों युवाओं का भविष्य अंधकार में चला गया है.
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युवाओं की उम्र सीमा भी खत्म हो गई
जिनमें से कुछ युवाओं की उम्र सीमा भी खत्म हो गई है. वे अब सरकारी नियुक्ति प्रक्रिया से उम्र भर के लिए वंचित रह जाएंगे. जिस उद्देश्य के साथ यहां के लोगों ने लड़ाइयांं लड़ कर अलग झारखंड का निर्माण कराया था वह सिर्फ सपना ही बनकर रह गया. इस 22 वर्षों में जितने भी सरकारें आई है उन सब ने यहां के जनमानस के अनुकूल कोई भी नीति नहीं बनायी.
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हेमंत सरकार को झारखंड के जनमानस ने बड़ी उम्मीद के साथ सत्ता सौंपी थी
ऐसे दौर में हेमंत सरकार को झारखंड के जनमानस ने बड़ी उम्मीद के साथ सत्ता सौंपी थी. लेकिन हेमंत सरकार ने भी अभी तक के कार्यकाल में ऐसा कोई भी नीति नहीं बना पाई है. जिससे यहां के आदिवासी और मूलनिवासियों को एक उम्मीद जगे और अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें. उन्होंने यह भी कहा कि आज झारखंड जिस संक्रमण के दौर से गुजर रहा है. ऐसे वक्त में ऐसे सरकार की जरूरत है. जिसके पास प्रबल इच्छाशक्ति और कार्यकुशलता हो अन्यथा झारखंड धीरे-धीरे ऐसे गर्त में चला जाएगा.
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