Chaibasa (Sukesh kumar) : सदर प्रखंड तुईबीर पंचायत के ग्रामीण जलापूर्ति योजना के लिए लगभग लाख करोड़ों की लागत से बना जल मीनार हाथी का दांत साबित हो रहा है. अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया के सिंहभूम लोकसभा प्रभारी रामहरी ने ट्वीट कर जिला उपायुक्त से मामले को संज्ञान में लेकर उचित जांच कर कार्रवाई की मांग की. 1.10 एमएलडी लीटर पानी की स्टोरेज क्षमता एवं पाइप लाईन के द्वारा हजारों मीटर सप्लाई क्षमता वाला यह जलमीनार 2017-18 में ही पूर्ण हो गया है. लेकिन इस जलमीनार से अब तक मात्र कुछ लोगों के ही घरों में ही सप्लाई पानी मिल पा रहा है.
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बरकुंडीया गांव के समाजसेवी बीरसिंह बिरूली ने जानकारी देते हुए कहा कि जलमीनार से गांव के घरों में पानी सप्लाई के लिए लगाया गया पाइप देख रेख के अभाव में कुछ ही दिनों में उखड़ चुकी है, या फट जाने से गांव के 90 प्रतिशत घरों में पानी नहीं पहुंचने से लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. वहीं कई ग्रामीण बताते है कि आदिवासी बाहुल बरकुंडिया गांव में कुल 90 घरो में जलापूर्ति के लिए लोगों ने कनेक्शन लिया था. लेकिन गांव के ही कुछ दबंग किस्म के लोग अपने घरो में दो-दो कनेक्शन लेकर घर तथा खेतों तक पाइप लाईन बिछा कर उसके जरिए पटवन कर रहे हैं. संवेदक कई घरों में पाइप लाईन नहीं बिछाए जाने से कई घरों में विगत कुछ माह से जलापूर्ति बंद है.
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आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत सरकार की ओर से आदिवासियों एवं मूलवासी के लिए लाखों की लागत से जल मीनार का निर्माण करवाया गया था. ताकि गरीब आदिवासी, मूलवासी व जनजातियों को लाभ मिल सके. लेकिन जिस उद्देश्य से सरकार का पैसा लगाया गया था. आज पूरी तरह बेकार नजर आ रहा है. इस चिलचिलाती गर्मी में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे है. ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार घटिया काम कर पैसा लेकर चला गया. जो यह जलमीनार दिन पर दिन हाथी का दांत साबित हो रहा है.