Chaibasa (Ramendra Kumar Sinha) : उपायुक्त अनन्य मित्तल एवं जिला मत्स्य पदाधिकारी जयंत रंजन ने शनिवार को डूंगरी स्थित मछली पालन की आधुनिक तकनीक बायोफ्लॉक का निरीक्षण किया. निरीक्षण के उपरांत उपायुक्त ने कहा कि इस तकनीक के जरिये कम जगह में मछली कृषक अधिक से अधिक उत्पादन कर अच्छा पैसा कमा सकते हैं. उन्होंने देखा कि बायोफ्लॉक तकनीक के तहत बहुत कम जगह पर छह से सात टैंक बनाए गए हैं. हर टैंक में लगभग 500 से 600 मछलियों का पालन किया गया है. उपायुक्त ने इस तकनीक की सराहना की और कहा कि यह एक अच्छी पहल है. इस तकनीक का स्वयं सहायता समूह के बीच बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. उम्मीद है इस तकनीक से जुड़ने के बाद मत्स्य पालकों की आय अच्छी हो जायेगी.
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बायो फ्लॉक में मछलियों को रखने के लिए ऑक्सीजन लेवल मेंटेन करना जरुरी
इसके बाद उपायुक्त व जिला मत्स्य पदाधिकारी ने मंझारी प्रखंड के तोरलो डैम का भी निरीक्षण किया. यहां भी बड़ी संख्या में मत्स्य पालकों द्वारा मत्स्य पालन किया जाता है. जिला मत्स्य पदाधिकारी जयंत रंजन ने बताया कि बायोफ्लॉक तकनीक ऐसी तकनीक है जिसकी सहायता से कम से कम पानी में अधिक से अधिक मछलियों का स्टॉक कर ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस बायोफ्लॉक में मछलियों को रखने के लिए ऑक्सीजन लेवल को भी मेंटेन करना काफी महत्वपूर्ण होता है. यही इसकी महत्वपूर्ण तकनीक है जिसके सहारे मछलियां जिंदा रहती है और प्रतिदिन उनका विकास भी होता है. इससे न केवल मछलियों का उत्पादन बढ़ेगा बल्कि कृषकों की आय बढ़ेगी.