Chaibasa: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की बैठक चाईबासा जिला परिषद के प्रांगण में हुई. बैठक की अध्यक्षता आसमान सुंडी ने की. बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने कहा कि एक समय एकीकृत सिंहभूम जिला में अलग राज्य के लिये व्यापक आंदोलन चला था. इसके आंदोलनकारियों को झूठे मुकदमे में फंसाया गया जिस कारण से चिन्हितीकरण के कार्य करने में आयोग को परेशानी हो रही है. झारखंड सरकार को आंदोलनकारी चिन्हितकरण के लिए बने शर्तों एवं नियमावली में संशोधन करना चाहिए, ताकि आंदोलनकारियों की सही पहचान की जा सके. विस्थापन पलायन एवं शोषण के खिलाफ के आंदोलन को भी झारखंड अलग राज्य आंदोलन से जोड़ना चाहिए.
इसे भी पढ़ें: रघुवर सरकार में टी -शर्ट, मिठाई तथा टॉफी वितरण में बरती गयीअनियमितता की जांच करेगी एसीबी, सीएम की मंजूरी
खतियान को ही स्थानीय होने का आधार होना चाहिए
उन्होंने सरकार द्वारा बाहरी भाषा को झारखंड की दूसरी भाषा बनाए जाने का विरोध किया और कहा की जिस भाषा को बिहार में मान्यता नहीं है, उस भाषा को इस राज्य में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. झारखंड में खतियान को ही स्थानीय होने का आधार होना चाहिए. इस राज्य के प्रमुख विपक्षी पार्टी ने भी सरकार के इस निर्णय पर चुप्पी साध कर साबित किया है कि वह भी झारखंडी विरोधी है.
आंदोलनकारियों की कमिटी का हुआ गठन
बैठक के बाद आंदोलनकारियों की कमिटी का गठन किया गया. जिसमें आसमान सुंडी को अध्यक्ष और नवाज हुसैन उर्फ बिरसा को महासचिव बनाया गया. कमिटी में अन्य पदधारी इस प्रकार हैं- उपाध्यक्ष बंदना उराव, रेंगो बुडिवुली, सचिव वीरसिंह हेम्ब्रम, सह सचिव इजहार राही, कोषाध्यक्ष लछमन सोय व जयपाल बोदरा. कार्यकारिणी सदस्य कोकिल केसरी, सिद्धेश्वर बानरा, हरिहर देवगम, प्रेम प्रकाश बिरुवा, सेलाय तियूं. धन्यवाद ज्ञापन जयपाल बोदरा ने किया.
इसे भी पढ़ें:चाईबासा: प्रतिनियुक्ति के लिये गृह रक्षा वाहिनी संघ ने पेयजल स्वच्छता मंत्री को सौंपा ज्ञापन
Leave a Reply