Chaibasa (Ramendra Kumar Sinha) : भारतीय आजादी के इतिहास में कोल्हान के सेरेंगसिया का काफी महत्व रहा है. स्वतंत्रता संग्राम का पहला बिगुल यहीं से फूंका गया था. उक्त बातें विधायक दीपक बिरुवा ने सेरेंगसिया के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद अपने संदेश में कही. इसके पूर्व विधायक ने शहीद महानायक पोटो हो, बेराई हो, पुंडुवा हो, बड़ाए हो, नारा हो, देवी हो व सुगनी हो के स्मारक पर फूल माला चढ़ाकर व आदिवासी रीति रिवाजों के साथ श्रद्धांजलि अर्पित किया. दीपक बिरुवा ने कहा कि भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम 1857 को माना जाता है लेकिन 1831-32 के दौरान कोल्हान में कोल विद्रोह से ही अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह शुरू हो गया था. सेरेंगसिया घाटी में हमारे वीर सपूतों ने 100 से अधिक अंग्रेजों को मार गिराया था.
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यह रहे उपस्थित
श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में विधायक के साथ जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुरेन, जिला परिषद बीस सूत्री कार्यान्वयन समिति सदस्य सुभाष बनर्जी, जिला परिषद सदस्य राज तुबिद, टोंटो प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष मुन्ना सुंडी, मुखिया मंगल सिंह कुंटिया, सेरेंगसिया के पूर्व मुखिया सुबेदार बिरुवा जोटो समेत झामुमो कार्यकर्ता शामिल थे.
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शहीदों की याद में फुटबॉल
श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद शहीदों के स्मरण के पास आयोजित फुटबॉल टूर्नामेंट में बतौर मुख्य अतिथि विधायक दीपक बिरुवा समेत अन्य अतिथि शामिल हुए. आयोजन को सफल बनाने में महेंद्र लागुरी, सोना लागुरी, चरण लागुरी, किंगकोंग लागुरी, आशीष लागुरी आदि की अहम भूमिका रही.