Chaibasa (Sukesh Kumar) : झारखंड सरकार द्वारा शुक्रवार को विशेष सत्र बुलाकर राज्य के लिए सबसे ज्वलंत और जरूरी मुद्दों में से एक 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति को झारखंड विधानसभा ने मंजूरी दे दी है. साथ ही अनुसूचित जनजातियों को 28%, अनुसूचित जातियों को 12% और अन्य पिछड़े वर्गों को 27% का आरक्षण को भी मंजूरी दे दी गई है. यह दो बिल कानून बनने के बाद धरातल पर लागू होने से सभी मूल झारखंडियों को उनका हक मिलेगा. इसीलिए इन दो महत्वपूर्ण बिल का खुला समर्थन है. यह बातें आंबेडकराईट पार्टी ऑफ इंडिया के सिंहभूम सहायक लोकसभा प्रभारी सह युवा नेता रामहरि गोप ने कहीं. वहीं गोप ने आशंका जताते हुए कहा कि जिसके पास 1932 का खतियान या उससे पहले का खतियान नहीं है.
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इस स्थिति में ग्रामसभा को स्थानीयता परिभाषित करने का अधिकार दिया गया है. लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ग्रामसभा की मंजूरी के बाद अंचल कार्यालय द्वारा इसका सत्यापन किया जाना चाहिए. अगर इस प्रक्रिया में कोई भी प्रशासनिक पदाधिकारी अनुपयुक्त कार्य करती है तो उसके लिए सजा का प्रावधान भी होना चाहिए, अन्यथा यह बिल कागज में सिमट कर रह जाएगा और गैर झारखंडी इसका गलत इस्तेमाल करेंगे. आने वाले समय में सरकार जो भी झारखंडियों के लिए सकारात्मक कदम उठाएगी. उसमें एपीआई का समर्थन हासिल होगा.