Chaibasa (Sukesh Kumar) : सदर अस्पताल में एक साथ 40 बेड के मरीजों को ऑक्सीजन देने का काम करने वाले ऑक्सीजन प्लांट को अब तक चालू नहीं किया गया है. कोरोना काल के दौरान पीएम केयर फंड के तहत सदर अस्पताल परिसर में लगाए गए 500 एलपीएम (लीटर पर मिनट) के ऑक्सीजन प्लांट से मरीजों के बीच ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं की जा रही है. जबकि यह ऑनलाइन टेस्टिंग में भी सफल हो चुका है. बताया जा रहा है कि सदर अस्पताल में पीकू वार्ड का निर्माण होना है. उसके बाद ही यह ऑक्सीजन प्लांट आरंभ हो पाएगा. लेकिन जब तक पीकू वार्ड का निर्माण नहीं होगा तब तक ऑक्सीजन प्लांट का उपयोग नहीं हो पाएगा.
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अधिकतर मरीजों काे एमजीएम कर दिया जाता है रेफर
वहीं, सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगने से कई मरीजों को राहत तो मिली है. साथ ही मरीज अब भी आस लगाए बैठे हैं कि उन्हें यहां निरंतर सेवाएं मिल पाएंगी. हालांकि सदर अस्पताल में अभी तक ऑक्सीजन की कमी से मरीजों के नुकसान की खबर नहीं आई है. लेकिन बताया गया कि अधिकतर मरीजों काे एमजीएम रेफर कर दिया जाता है. सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. जुझार माझी ने कहा कि मामले को गंभीरता से लिया गया है. पीकू वार्ड का निर्माण कराया जाएगा. इसके बाद यह संचालन शुरू कर दिया जाएगा. ऑक्सीजन प्लांट को पूरी तरह सुरक्षित तरीके से संरक्षित किया गया है. इसका संचालन जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा.
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कोरोना मरीजों के लिए लगाया गया टैंक
विदित हो कि सदर अस्पताल चाईबासा में केंद्र सरकार की योजना के तहत ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है. यह कोरोना काल के दौरान लगाया गया, जब मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत अधिक थी. लेकिन कोरोना काल के अंतिम समय में मरीजों की संख्या कम होने पर ऑक्सीजन टैंक लगाया गया. मात्र एक बार ही इसकी ऑनलाइन टेस्टिंग की गई. उसके बाद से यह जस के तस पड़ा हुआ है.
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प्रत्येक मिनट में आधा क्यूबिक ऑक्सीजन किया जाएगा तैयार
सदर अस्पताल में स्थापित होने वाले 500 एलपीएम क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट के जरिये प्रत्येक मिनट में आधा क्यूबिक (यानी 500 लीटर) ऑक्सीजन तैयार किया जाएगा. अगर एक घंटे की बात करते हैं तो उक्त प्लांट के माध्यम से 30 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन गैस बनायी जायेगी. दरअसल मेडिकल सप्लाई के लिए साढ़े पांच फुट लंबे सिलिंडर का प्रयोग किया जाता है. इस तरह के चार से पांच सिलिंडर हर घंटे भरे जा सकते हैं.
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