Chaibasa (Ramendra Kumar Sinha) : माटी कला बोर्ड के सुझाव पर कुम्हारों को आधुनिकता के भाग दौड़ में शामिल होते हुए अब इलेक्ट्रिक उपकरण के सहयोग से न केवल कम समय में मांग के अनुरूप अधिक से अधिक सामानों का निर्माण कर रहे हैं बल्कि अपने आप को सशक्त बनाने का प्रयास भी कर रहे हैं. चाईबासा जिला मुख्यालय में कुम्हार टोली इन कुम्हारों का मुख्य निवास स्थान है जहां वे रहते भी हैं और अपने घर से ही मिट्टी के बर्तन सहित मिट्टी से संबंधित अन्य सामानों का कम समय में अधिक से अधिक उत्पादन करते हैं. कुम्हार कृष्णा प्रजापति ने बताया कि पिछले वर्ष उन्हें बिजली से चलने वाले चाक के बारे में जानकारी माटी कला बोर्ड के द्वारा दी गई थी.
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परंपरागत तरीके होते हैं काफी खर्चीले
कृष्णा प्रजापति ने उनके सुझाव पर अमल करते हुए उद्योग विभाग से बिजली से चलने वाली चाक की खरीदारी की. इससे सामानों के उत्पादन में सहूलियत मिली है. तकनीक का उपयोग कर कम समय में मांग के अनुरूप उत्पादन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मिट्टी के बर्तन बनाने के परंपरागत तरीके काफी खर्चीले होते हैं तथा शारीरिक श्रम भी ज्यादा लगता है. परंपरागत तरीके से मिट्टी के बर्तन बनाने में समय भी ज्यादा लगता है. उल्लेखनीय है कि माटी कला बोर्ड के सुझाव पर कुम्हार टोली के 5 कुम्हारों ने उद्योग विभाग से पांच इलेक्ट्रिक उपकरण को खरीद कर अपना रोजगार चला रहे हैं.