Chaibasa (Sukesh Kumar) : पश्चिमी सिंहभूम में पिछले दो दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश जारी है. लंबे समय के बाद पहली बार पश्चिम सिंहभूम में लगातार बारिश हो रही है. बुधवार को चाईबासा में बारिश शुरू हुई जो अब तक थमने का नाम नहीं ले रही है. बारिश होने से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों में हर्ष का माहौल है, लेकिन समय पर बारिश नहीं होने की वजह से कई किसान अभी तक बुवाई शुरू नहीं कर पाए है. किसानों के मुताबिक समय पर बारिश नहीं होने से अकाल की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. अभी दो दिनों से भले ही बारिश नियमित रूप से हो रही हो लेकिन जितनी जरूरत है उतनी वर्षा अभी तक नहीं हुई है. रोपनी का काम पहले ही होना चाहिए था. लेकिन अब विलंब हो गया है.
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छिटपुट वर्षा से फसल की पैदावार बुरी तरह प्रभावित
रोलाडीह गांव के किसान सह समाजसेवी पंडित महतो ने कहा कि कृषि हमेशा से ज़ोखिम भरा व्यवसाय रहा है. जहां विकसित देशों के किसान बुरे कृषि वर्ष से निबटने के लिए विभिन्न अनुबंध, वित्तीय उत्पाद एवं बीमा का सहारा लेते हैं. वहीं भारत जैसे विकासशील देश के गरीब किसान जिन्हें इसका ज्य़ादा फायदा उठाना चाहिए. पश्चिमी सिंहभूम में भी कम वर्षा के कारण अब तक बहुत किसान पानी के अभाव में खेती कार्य शुरू नहीं कर पाए थे. झारखंड में अधिकतर वर्षा मॉनसून के महीनों में होती है. फसल उपजाने की अवधि बहुत छोटी होती है. मॉनसून में कम या ज्यादा वर्षा होने पर व अचानक होने वाली छिटपुट वर्षा से फसल की पैदावार बुरी तरह से प्रभावित होती है.
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किसान पूरी तरह वर्षा पर निर्भर
आज भी यहां के किसान पुरानी पद्धति से खेती करते हैं. हालांकि कुछ किसान भाड़े पर ट्रैक्टर लेकर खेती करवाते हैं. लेकिन उससे लागत अधिक पड़ जाता है. जिस कारण किसानों को जो लाभ मिलना चाहिए उतना नहीं मिल पाता है. कई किसानों ने पानी की व्यवस्था करते हुए खेती तो किया. यहां खेती के लिये डीप बोरिंग की सुविधा नहीं है. जिस कारण यहां के किसान पूरी तरह वर्षा पर निर्भर है. अगर यहां कुछ दिन ओर पानी नहीं हुई तो यहां अकाल की स्थिति हो सकती है. कुछ स्थानों में डीप बोरिंग तो है लेकिन जहां अधिक खेत है उस स्थान पर नहीं है.