Chaibasa: कोल्हान विश्वविद्यालय में पीएचडी को लेकर रूपरेखा तैयार हो रही है. विवि की द्वितीय पीएचडी प्रवेश परीक्षा आगामी मई तक होने की संभावना है. जिसको लेकर तैयारी शुरू हो गई है. इसमें वैसे विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं जो नेट से वंचित है और पीजी 55 प्रतिशत से पास हुए हैं. प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने के पश्चात विद्यार्थी शोध के योग्य होंगे.
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सोशल साइंस डीन की अध्यक्षता में बनी कमेटी
विवि ने सोशल साइंस डीन डॉ. आशा कुमारी की अध्यक्षता में सात सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी तैयार की है. यह कमेटी पीएचडी से संबंधित मामले को बारीकी से देखेगी. जिसके बाद परीक्षा की तिथि के अलावा अन्य कागजात की तैयारी करेंगे. कमेटी में मुख्य रूप से प्रतिकुलपति डॉ. अरूण कुमार सिन्हा को चेयरमैन बनाया गया है. जबकि आइक्यूएसी के डायरेक्टर डॉ. आरके करण को को-ऑडिनेटर बनाया गया. वहीं साइंस डीन डॉ. बीएन प्रसाद, मानविकी डीन डॉ. मुदिता चंद्रा, कॉमर्स डीन डॉ. दीपा शरण व परीक्षा नियंत्रक डॉ अजय कुमार चौधरी को सदस्य बनाया गया है.
2015-16 में आयोजित हुई थी पीएचडी प्रवेश परीक्षा
मालूम हो कि कोल्हान विवि में 2015-16 में पीएचडी प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थी. जिसमें एक हजार से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए थे. कोल्हान विवि के मुख्यालय में यह परीक्षा आयोजित की गई थी. कोल्हान विवि के प्रवक्ता डॉ. पीके पाणी ने बताया कि पीएचडी की प्रवेश परीक्षा को लेकर तैयारी हो गई है. हालांकि अभी तक अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. इसको लेकर एक कमेटी तैयार की गई है. कमेटी को पूरी जिम्मेदारी सौंपी गई है. विवि में शोध को लेकर बेहतर कार्य किए जा रहे हैं. अबतक कई शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई है.
कई विषयों का शोध पत्र सेंट्रल लाइब्रेरी पहुंचा
कोल्हान विवि के सेंट्रल लाइब्रेरी में लाखों रुपये की लागत से विभिन्न विषयों के शोध पत्र खरीदे गए हैं. इसके अलावा देश के विभिन्न विवि में पीएचडी करने वाले शोधार्थियों के शोध पत्र को भी रखा गया है ताकि यहां के विद्यार्थी शोध पत्र को देखकर बेहतर करें. वहीं, कोल्हान विवि से अबतक लगभग 200 शोधार्थी पीएचडी की उपाधि हासिल कर चुके हैं. लगभग सभी शोध पत्र को शोध गंगा में अपलोड भी किया जा चुका है.
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