Chaibasa (Sukesh kumar) : कोल्हान विश्वविद्यालय के विभिन्न अंगीभूत कॉलेजों में कार्यरत लगभग 200 से अधिक घंटी आधारित शिक्षकों का कार्याकाल आगामी मार्च माह में खत्म होगी. इससे कॉलेजों में पूरी तरह से पढ़ाई बाधित होने की संभवना है. अबतक सरकार ने नवीकरण को लेकर किसी तरह की अधिसूचना जारी नहीं किया है. कॉलेजों में सरकारी शिक्षकों की भारी कमी है. घंटी आधारित शिक्षकों के भरोसे ही कॉलेज में पठन-पाठन चल रहा है. सरकार पिछले पांच सालों से इन शिक्षकों का नवीकरण करते आ रहा है. लेकिन इस बार अभी तक नवीकरण संबंधित किसी तरह की अधिसूचना जारी नहीं किया गया है.
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कार्याकाल खत्म होने के बाद शिक्षक धरने पर बैठेंगे
हालांकि घंटी आधारित शिक्षकों द्वारा निरंतर स्थायीकरण को लेकर सरकार से मांग करते आ रहे है. कई बार आंदोलन भी कर चुके है. राजभवन का भी घेराव शिक्षकगण कर रहे है. लेकिन सरकार ने अभी तक स्थायीकरण को लेकर विचार नहीं किया. शिक्षकों का मानना है कि जबतक सरकार स्थायीकरण नहीं करती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा. कार्याकाल खत्म होने के बाद शिक्षक धरने पर बैठेंगे. मालूम हो कि कोल्हान विवि के कुछ ऐसे कॉलेज है जहां पर संबंधित विषय पर सिर्फ घंटी आधारित शिक्षक ही कार्यरत है.
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प्रत्येक शिक्षक को मिलता 600 रुपये
घंटी अधारित शिक्षकों को रोजाना क्लास लेना अनिवार्य है. प्रत्येक क्लास के हिसाब से ही इन शिक्षकों का भुगतान होता है. 600 रुपये प्रत्येक क्लास के रूप में शिक्षक को मिलता है. एक माह में अधिकतम 36 हजार रुपये तक ही भुगतान ले सकते है. सरकार राशि को बढ़ाने संबंधित योजना बना रही है लेकिन अभी तक अधिकारिक रूप से अधिसूचना जारी नहीं हुआ है. कोल्हान विश्वविद्याल के प्रवक्ता डॉ पीके पाणी ने कहा कि घंटी आधारित शिक्षकों का कार्याकाल मार्च माह में खत्म हो जायेगी. सरकार की ओर से इसका नवीकरण होता है. इसमें विश्वविद्यालय की भूमिका नहीं होती है.
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