Chaibasa (Sukesh Kumar) : प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय गितिलपी मंझारी में 10वीं तक की पढ़ाई होती है, लेकिन शिक्षकों की भारी कमी है. इसके कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है. 9वीं और 10वीं के कुल 97 विद्यार्थी (9वीं 54+10वीं 43= 97) अध्यनरत हैं. लेकिन विद्यालय में लगभग पिछले एक वर्षों से 97 विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक शिक्षिका सामाजिक विज्ञान की हैं. सभी 97 विद्यार्थियों का कार्यभार और पठन-पाठन इन्हीं एक के ऊपर छोड़ दिया गया है. इसके कारण बाकी विषयों का पठन-पाठन अवरूद्ध सा हो गया है. आवश्यक छात्र-शिक्षक अनुपात ना होने के कारण सभी विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार की ओर अग्रसर होता प्रतीत हो रहा है. नई शिक्षा नीति के अनुसार छात्र-शिक्षक का अनुपात 30:1 होने की बात कही गई है जो इस विद्यालय में इसके विपरीत सिर्फ एक ही शिक्षक विद्यालय के सभी 97 विद्यार्थियों को कार्यभार संभाल रहे हैं. अंबेडकर पार्टी ऑफ इंडिया के सिंहभूम प्रभारी रामहरी गोप ने सोमवार को उपायुक्त से मुलाकात कर मांग पत्र सौंपा. इस दौरान शिक्षकों की कमी को दूर करने की बात कही. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में अंकित मूलभूत अधिकार (अनुच्छेद 21 क ) शिक्षा का अधिकार की बात कही गई है और (अनुच्छेद 15) धर्म, मूलवेश जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिशेष करता है. इन सभी विद्यार्थियों का संवैधानिक अधिकारों का हनन कर भविष्य बर्बाद किया जा रहा है. डीसी से आग्रह किया कि इस मामले को संज्ञान में लेकर त्वरित इस विद्यालय में बाकी विषयों के शिक्षकों को छात्र-शिक्षक के अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति की जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो विवश होकर सभी विद्यार्थी और अभिभावक मिलकर समाहरणालय के समक्ष भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे. इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासनिक अधिकारियों की होगी.