Chaibasa: मुठभेड़ और गोलीबारी की घटना में शामिल पीएलएफआइ के तीन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया है. एसपी आशुतोष शेखर को गुप्त सूचना मिली थी कि बंदगांव थाना क्षेत्र के किता गांव में पीएलएफआई के एरिया कमांडर लंबू अपने दस्ता सदस्यों के साथ घूम रहा है. जिसके बाद एसपी के निर्देश पर पुलिस टीम का गठन किया गया. पुलिस टीम ने छापेमारी के दौरान किता गांव में दो संदिग्ध मोटरसाइकिल आते देखा. फिर उसे उसे रुकने का इशारा किया तो, पुलिस को देख दोनों मोटरसाइकिल पर सवार भागने लगे. जिसे सशस्त्र बल के सहयोग से खदेड़ कर पकड़ने का प्रयास किया गया. लेकिन एक मोटरसाइकिल पर सवार व्यक्ति भागने में सफल रहा. जबकि दूसरे मोटरसाइकिल पर सवार व्यक्तियों को पकड़ा गया. बता दें कि मोटरसाइकिल पर सवार सभी शख्स उग्रवादी थे, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार उग्रवादियों में लोकी सांडीपूर्ति, बिरसा डहंगा और सुखराम सांडी पूर्ति शामिल है. उनके पास से एक एके 47 रायफल, जिंदा कारतूस समेत अन्य सामान बरामद किया गया है.
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गोलीबारी और मुठभेड़ की घटना में शामिल थी गिरफ्तार उग्रवादी
गिरफ्तार उग्रवादियों ने पुलिस पूछताछ में 17 जनवरी को करिका गांव में गोलीबारी की घटना में शामिल होने की बात स्वीकरा की है. साथ ही 21 जनवरी को दुवांगडिह में हुए पुलिस मुठभेड़ में शामिल रहने की बात भी स्वीकारी है. इसके अलावा अन्य नक्सली घटनाओं में भी शामिल होने की बात को स्वीकार किया है. इनकी निशानदेही पर एक एके 47 राइफल और 33 चक्र जिंदा गोली बरामद किया गया है. गिरफ्तार उग्रवादियों का पूर्व से अपराधिक इतिहास रहा है. लौकी सांडीपूर्ति पर कई मामले दर्ज हैं. बिरसा डहंगा पर चार और सुखराम पर तीन मामले दर्ज हैं. ये मामले चाईबासा और खूंटी जिला के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं.
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