Chakradharpur (Shambhu Kumar) : सावन महीने के पहली सोमवारी पर चक्रधरपुर के शिवालयों में जलाभिषेक व पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. चक्रधरपुर के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी थी. जहां महिला पुरुष श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर जल, दूध से अभिषेक पूजा अर्चना की. भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग, धतुरा अन्य फल, फूल चढ़ाए गए. शिवालयों में बोल बम व हर हर महादेव के जयकारे लगे.कई मंदिरों में भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया.
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श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद बांटे गए
वही पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद बांटे गए. चक्रधरपुर की रेलवे के आरई कॉलोनी शिव मंदिर, पंडित हाता शिव मंदिर, सोनुवा बस स्टैंड शिव मंदिर, लोको कॉलोनी शिव मंदिर, श्मशान काली मंदिर स्थित शिव मंदिर, टाउन काली स्थित शिव मंदिर, पुरानी रांची रोड स्थित शिव मंदिर, इतवारी बाजार स्थित शिव मंदिर के अलावे शहर से सटे देवगांव स्थित देवेश्वर शिव मंदिर, जरकी गांव स्थित शिव मंदिर, चंद्री शिव मंदिर, लोटा पहाड़ स्थित बेगुना शिव मंदिर समेत अन्य शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे.
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महादेवशाल धाम में जलाभिषेक के लिए दूर दराज से पहुंचे लोग
झारखंड के दूसरे बाबा धाम के नाम से विख्यात पश्चिमी सिंहभूम जिला के गोइलकेरा स्थित महादेवशाल धाम शिव मंदिर में सावन के पहले सोमवार पर जलाभिषेक व पूजा अर्चना के लिए दूर दराज से लोग पहुंचे. यहां शनिवार व रविवार से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे थे.सोमवार अहले सुबह मंदिर के द्वार खोल सबसे पहले पुजारी ने विधिवत पूजा अर्चना की. इसके बाद महिला पुरुष श्रद्धालुओं ने कतार में लगकर जलाभिषेक किया. बड़ी संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु पैदल व डाक बम कांवर लेकर यह जलाभिषेक के लिए पहुंचे थे. चक्रधरपुर, मनोहरपुर, आनंदपुर, सोनुवा, गोइलकेरा, कराईकेला, चाईबासा, कोल्हान प्रमंडल के विभिन्न जगहों के अलावा झारखंड के अन्य क्षेत्र व ओड़िशा, पश्चिमी बंगाल, छत्तीसगढ़ से भी श्रद्धालुओं ने यहां पहुंचकर जलाभिषेक व पूजा-अर्चना किया.
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श्रावणी मेला आयोजित
महिला पुरुष के लिए अलग-अलग कतार में लगने की व्यवस्था की गई थी. वहीं मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाया गया था. इस अवसर पर कई सामाजिक संगठनों द्वारा श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद स्वरूप खीर पूड़ी सब्जी खिचड़ी इत्यादि बांटे गए. इस अवसर पर यहां श्रावणी मेला भी लगाया था. जहां पूजा पाठ के सामग्रियों के आलावा बच्चों के खिलौने, खानपान इत्यादि के दुकान लगाए गए थे.
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