Chakradharpur : चक्रधरपुर के उत्कलमणि विद्या मंदिर ओड़िया उच्च विद्यालय प्रांगण में शनिवार को पंडित गोपबंधु दास की जयंती मनाई गई. स्कूल परिसर में स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान मुख्य रुप से विधायक सुखराम उरांव उपस्थित थे. तत्पश्चात उत्कल सम्मेलनी की ओर से कोल्हान में ओड़िया भाषा समस्या के समाधान को लेकर विधायक को पत्र सौंपा गया. वहीं स्कूल परिसर में एक सभा का आयोजन हुआ, जिसकी शुरुआत उत्कल गीत से की गई. मौके पर विधायक श्री उरांव ने कहा कि पंडित गोपबंधु दास ओड़िशा के एक सामाजिक कार्यकर्ता, स्वतंत्रतता संग्राम सेनानी एवं साहित्यकार थे. उन्हें उत्कलमणि के नाम से जाना जाता है. उन्होंने कहा कि ओड़िशा में राष्ट्रीयता एवं स्वाधीनता संग्राम की बात चलाने पर गोपबंधु दास का नाम सर्वप्रथम लिया जाता है. मौके पर समाज के दिलीप प्रधान, केदार प्रधान, दिनेश जेना, प्रदीप्त दास समेत काफी संख्या में ओड़िया समाज के लोग मौजूद थे.
समाज के लोगों ने पंडित गोपबंधु को दी श्रद्धांजलि
चक्रधरपुर के उत्कलमणि उच्च विद्यालय में पंडित गोपबंधु दास की जयंती मनाई गई.झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक षाडंगी एवं ओड़िया सामाज के लोगों ने मिलकर चक्रधरपुर कुसुमकुंज के समीप स्थित उत्कल मणि विद्यायल में पंडित गोपबंधु दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. 9 अक्तूबर 1877 को जन्मे समाजसेवी पंडित गोपबंधु दास अपने जीवनकाल में हमेशा ओड़िया भाषा संस्कृति के विकास के साथ-साथ लोगों की सेवा करने में तत्पर रहे. ओड़िशा के गांधी समझे जाने वाले पंडित गोपबंधु दास भाषा प्रेमी, समाजसेवी, लेखक के साथ-साथ वे स्वतंत्रता सेनानी भी थे. चक्रधरपुर, खरसावां, सरायकेला, घाटशिला, मुसाबनी, बहरागोड़ा समेत कई स्थानों में पंडित जी की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं. सिंहभूम के विभिन्न स्थानों पंडित गोपबंधु दास के नाम पर स्कूल भी चलाए जा रहे हैं. इस मौके पर रोहित प्रधान, परणीकांत प्रधान, केशव सिंह के साथ ओड़िया समाज के लोग उपस्थित थे.