Chakradharpur (Shambhu Kumar) : रैपिड एक्शन फोर्स 106वीं बटालियन के जवानों ने मंगलवार को चक्रधरपुर के केंद्रीय विद्यालय में छात्र-छात्राओं से मुलाकात किया. इस दौरान अपने विचारों को साझा करते हुए रैपिड एक्शन फोर्स के उप कमांडेंट प्रकाश चंद्र बादल ने रैपिड एक्शन फोर्स, सीआरपीएफ, पुलिस और सेना के कार्य प्रणाली और उनके उपयोगिता के बारे में बच्चों को बताया. उन्होंने बच्चों को पुलिस और सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि रैपिड एक्शन फोर्स की नीली वर्दी शांति के प्रतीक को चिन्हित करती है. इनका आदर्श वाक्य संवेदनशील पुलिसिंग के साथ मानवता की सेवा है और इसी आदर्श वाक्य को केंद्र में रखते हुए रैपिड एक्शन फोर्स के कार्यप्रणाली को सुनिश्चित किया गया है.
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विशेष परिस्थिति में होता है इनका इस्तेमाल
बादल ने बताया कि रैपिड एक्शन फोर्स, सीआरपीएफ की विशेष फोर्स है जिसका इस्तेमाल विशेष परिस्थिति में जैसे साम्प्रदायिक हिंसा, विधि-व्यवस्था बनाए रखने, त्योहारों में हिंसा और चुनाव ड्यूटी और आंदोलन से निपटने के लिए किया जाता है. विधि-व्यवस्था बनाए रखने की मांग होने पर इसे हमेशा तेजी से तैनाती के लिए तैयार रखा जाता है और केवल छोटी अवधि के लिए राज्य सरकार की मांग पर गृह मंत्रालय के आदेशानुसार तैनात किया जाता है. बताया कि महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करते हुए सीआरपीएफ ने रैपिड एक्शन फोर्स की महिला यूनिट को संयुक्त राष्ट्र संघ की शांति सेना के रूप में लाइबेरिया में तैनात करवाया.
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विद्यालय के प्राचार्य ने अधिकारियों व जवानों का किया धन्यवाद
इस दौरान स्कूल के छात्र-छात्राओं को रैपिड एक्शन फोर्स में प्रयोग होने वाले उपकरणों एवं हथियारों से भी परिचय करवाया गया. कार्यक्रम के अंत में केंद्रीय विद्यालय की प्राचार्या मनोरंजनी तिग्गा ने रैपिड एक्शन फोर्स के अधिकारियों एवं जवानों को धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से बच्चों का मनोबल बढ़ता है और उनको अपने जीवन के लक्ष्य को सुनिश्चित करने में सुविधा मिलती है.