Chakradharpur (Shambhu Kumar) : स्व. कमलदेव गिरि के घोड़े अनमोल ने उनके वियोग में शुक्रवार की रात दम तोड़ दिया. वह शुक्रवार को अनमोल दो घंटे तक कमलदेव की तस्वीर के सामने खड़ा होकर आंख से आंसू बहाता रहा और अंततः रात में उसने दम तोड़ दिया. दोस्ती, प्यार के रिश्ते को अनमोल माना जाता है. इसे किसी मोलभाव से नहीं तौला जाता. वर्तमान समय में भले ही इंसानियत खत्म हो रही है, लेकिन जानवर प्यार के रिश्ते को भली भांति समझते हैं. भले ही ये बोल न पाएं, किंतु हमारे प्रति उनका व्यवहार ही सब कुछ बता देता है. दिवंगत कमलदेव गिरि को कॉलेज के दिनों से घुड़सवारी का शौक था. घोड़ा पालने का शौक उसने पूरा भी किया.
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सिर पर पगड़ी बांध घोड़े की सवारी करते थे कमलदेव
अपने प्यारे घोड़े का नाम कमल ने अनमोल रखा था. कमल बड़े ही शान से अपने अनमोल की सवारी करता. अपने सिर पर पगड़ी बांधकर जब अनमोल को सड़कों पर तेज हवा की तरह दौड़ाता तो हर कोई देखकर दंग रह जाता था. कमल अपने अनमोल को बेहद प्यार करता था. गली, मोहल्ले के बच्चें अनमोल को देखने आते और अपना प्यार लुटाते. कमल भी बच्चों को अनमोल की सवारी कराता. इन सबके बीच अनमोल काफी खुश रहता. बेजुबान अनमोल कमल के परिवार का सदस्य था. कमल की बातों को वह प्यार से सुनता और समझता. अनमोल काफी खुश रहता था, लेकिन 12 नवंबर की शाम कमल देवगिरि की हुई हत्या के बाद से घोड़ा अनमोल ने ढंग से खाना पीना भी बंद कर दिया था. इससे उसकी तबीयत बिगड़ती जा रही थी. 29 दिसंबर की शाम कमल को न्याय दिलाने की मांग को लेकर परिवार के सदस्यों के साथ कमल को चाहने वाले चाईबासा गए थे.
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दो घंटे तक कमलदेव की तस्वीर देख रोता रहा
लोग बताते हैं कि 29 दिसंबर की रात घोड़ा अनमोल लगभग 2 घंटे तक कमल की तस्वीर देखता रहा और रोता रहा. अंततः शुक्रवार की रात अनमोल ने दम तोड़ दिया. शनिवार को ट्रैक्टर पर अनमोल को सजाकर अंतिम यात्रा निकाली गयी. घोड़ा अनमोल की अंतिम यात्रा के दौरान भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. अंतिम यात्रा में शामिल कई लोग भी रो रहे थे. दिवंगत कमल कमल देव गिरि के परिवार के सभी सदस्य व स्थानीय लोग रो रहे थे. चक्रधरपुर के कुदलीबाड़ी श्मशान घाट के समीप ही घोड़ा अनमोल का अंतिम संस्कार रीति रिवाज के तहत किया गया.