Chakulia : चाकुलिया में इन दिनों जंगली हाथियों का उपद्रव जारी है. ग्रामीण हाथियों के आतंक से परेशान हैं. पूरे क्षेत्र में हाथियों का झुंड तो उपद्रव कर ही रहा है. इसी क्रम में गुरुवार की सुबह सात से आठ बजे के बीच हाथियों का दल पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे चाकुलिया के सुनसनिया साल के जंगल से निकल कर हाथियों का दल चाकुलिया स्टेशन से पांच किलोमीटर पश्चिम में रेलवे फाटक पार कर राजाबासा गांव की ओर चला गया. इस दल में 30 से 35 हाथी थे, जिसमें बच्चे भी शामिल थे. हाथियों के रेलवे ट्रैक से गुजरने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. इतने हाथियों के चाकुलिया पहुंचने से ग्रामीण दहशत में हैं. इस संबंध में चाकुलिया वन क्षेत्र पदाधिकारी दिग्विजय सिंह ने कहा कि रेलवे के अधिकारियों को हाथियों के रेलवे ट्रैक से आने-जाने की सूचना दे दी गई है. उनसे कहा गया है कि वहां से गुजरने वाली ट्रेनों की गति सीमा कम कर दी जाए. इससे हाथियों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना नहीं रहेगी. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में सुनसुनीय जंगल में ही किसी ट्रेन से कटकर एक हाथी की मौत हो गई थी. इससे पहले वर्ष 2018 में झाड़ग्राम से गिधनी के बीच ज्ञानेश्वरी ट्रेन से कटकर तीन हाथियों की मौत हो गई थी. हालांकि इस दुर्घटना में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस बाल-बाल बच गई थी. इसमें सवार यात्रियों को भी किसी प्रकार की चोट नहीं आई थी.
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रॉकेट भी कई दिनों से ग्रामीणों को कर रहा है परेशान
हालांकि चाकुलिया में कई दिनों से एक अकेला विशालकाय हाथी भी आतंक मचाए हुए है. उस विशालकाय हाथी का नाम ग्रामीणों ने रॉकेट रखा है. रॉकेट आधी रात को किसी भी क्षेत्र में घुसता है और सुबह चार बजे तक घूम-घूम कर घरों, चहारदीवारी, फसलों और अनाज को नुकसान पहुंचाता है. रॉकेट ने नागानल मंदिर समेत कई जगहों पर चहारदीवारी और ग्रामीणों का घर तोड़ दिया. रात में रॉकेट के आते ही लोग दुबक जाते हैं. घर से बाहर निकल कर किसी की उसे भगाने की हिम्मत नहीं होती है.