Chakulia : चाकुलिया प्रखंड की जुगीतुपा पंचायत के मुढ़ाठाकुरा गांव के सिमुलडांगा सबर टोला का बीरेन सबर (38) पैर में जख्म होने के कारण विगत दो साल से बिस्तर पर पड़ा है. ऐसी स्थिति में उसकी पत्नी मोनी सबर मजदूरी करने के लिए पश्चिम बंगाल के नामाल गई है. गरीबी के कारण बीरेन सबर का इलाज नहीं हो पा रहा है. उसके तीन बच्चे छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. बीरेन सबर को भोजन पानी उसका भाई देता है. अब उसे सरकारी मदद की जरूरत है.
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पैर में बढ़ता जा रहा सूजन
बीरेन के एक पैर में सूजन है जो बढ़ता ही जा रहा है. उसने बताया कि स्वास्थ्य सहिया के प्रयास से उसे एक बार जमशेदपुर के सदर अस्पताल में ले जाया गया था. परंतु बीमारी ठीक नहीं हुई. विदित हो कि उपायुक्त के निर्देशानुसार प्रशासन विलुप्त आदिम जनजाति सबरों के उत्थान के प्रयास में जुटा है. बीमार सबरों पर प्रशासन की विशेष नजर है. परंतु बीरेन सबर पर प्रशासन का ध्यान नहीं है. इसके कारण उसके पैर का इलाज नहीं हो पा रहा है और वह बिस्तर पर पड़ा है.