Chakulia : चाकुलिया के रासमंच परिसर में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन स्वामी हंसानंद महराज ने कहा कि भक्तों के मन में अभिमान आने के कारण भगवान भक्त से दूर हो जाते हैं. फैशन के इस दौर में अपनी अनोखी सभ्यता और संस्कृति को ना भूलें. उन्होंने कहा कि अभिभान के कारण ही गोपियों से भगवान अंतर्ध्यान हो गए. प्रभु का नाम पापों का नाश करने वाला है. प्रभु की कथा सुनने मात्र से जीवन में मंगल होता है.
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उन्होंने कहा कि कथा में आएं तो ध्यान से कथा सुनें. कथा का अर्थ समझ ना आएं तो कथा में आना व्यर्थ है. भगवान कभी अपने भक्त पर कोप नहीं करते हैं. नारद की वाणी माता सरस्वती की वाणी समान है. कथा में स्वामी हंसानंद ने आज के फैशन पर चर्चा की और कहा कि फैशन को अपनाएं. ज्ञानी आदमी को अभिमान आ सकता है. परंतु भक्त के मन में भगवान के प्रति भक्ति का अभिमान नहीं होता. उन्होंने कहा कि वृंदावन जाने मात्र से जीवन के भाव ही बदल जाते हैं. दुल्हा बने हैं नंदलाल कि दुल्हे का जवाब नहीं… जैसे भजन पर श्रोता झूम उठे.
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कथा में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी और प्रखंड की उप प्रमुख कविता साव शामिल हुए. डॉ गोस्वामी और उप प्रमुख ने हंसानंद महराज को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. स्वामी जी ने भी दोनों को अंग वस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया. कथा को सफल बनाने में कमेटी के संरक्षक लक्ष्मी नारायण दास, चन्द्रदेव महतो, देवदास पंडा, पतित पावन दास, दिलीप दास, उत्पल पंडा, पशुपति बेरा, पंकज दास, शंकर चंद्र दास, कंचन पंडा, निमाई दास, रंजीत दास, राजु दास, चंदन दास समेत अन्य जुटे हैं.