Chakulia : चाकुलिया प्रखंड में पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे जामिरा पहाड़ से लेकर कान्हाईश्वर पहाड़ तक के प्राकृतिक साल जंगल और पहाड़ वन सुरक्षा समितियों के प्रयास से लहलहा रहे हैं और इन जंगलों और आस-पास के खेतों में मोर नाच रहे हैं. इन जंगलों में विगत दो साल में मोर की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. अन्य छोटे-मोटे वन्य प्राणियों की भी संख्या बढ़ी है. इस क्षेत्र की सुरक्षा समितियों के सदस्य और ग्रामीण जंगल की रक्षा के लिए सजग हैं. इस इलाके में जंगल में वृक्ष काटने और वन्य प्राणियों की हत्या करने पर प्रतिबंध है. वन सुरक्षा समिति से जुड़े लोगों के मुताबिक इस इलाके में करीब 70 से 80 मोर हैं. हालांकि इनकी गिनती कभी भी वन विभाग द्वारा नहीं की गई है.
इसे भी पढ़ें : चाकुलिया : अच्छी वर्षा व खुशहाली के लिए 26 को होगी जामिरा पहाड़ की पूजा
दो वर्षों में मोर की संख्या में काफी वृद्धि हुई
मधुपुर वन सुरक्षा समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न मुंडा और सचिव चंडी चरण मुंडा के मुताबिक सिर्फ मधुपुर के साल जंगल में 10 से 15 मोर हैं. अन्य मोर जामिरा, कान्हाईश्वर और पोचापानी और दुबराजपुर के जंगलों में हैं. जंगल से निकलकर मोर गांव की ओर भी आ जाते हैं. दुबराजपुर वन सुरक्षा समिति की अध्यक्ष बसंती हांसदा ने कहा कि क्षेत्र के जंगलों में काफी मोर देखे जा रहे हैं. जंगलों में जंगली सूअर और वन मुर्गी भी देखे जा रहे हैं. विगत दो वर्षों में इनकी संख्या में वृद्धि हुई है. कान्हाईश्वर पहाड़ पूजा कमेटी के अध्यक्ष सोमाय मांडी कहते हैं कि कान्हाईश्वर पहाड़ के जंगल में भी अनेक मोर देखे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जंगलों में जंगली सूअर, वन मुर्गी और बंदरों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. चाकुलिया के प्रभारी वन क्षेत्र पदाधिकारी दिग्विजय सिंह ने कहा कि इलाके की वन सुरक्षा समितियां जंगल को बचाने में बेहतर काम कर रही हैं. जंगल सुरक्षित हैं, इसलिए वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने कहा कि वन विभाग वन सुरक्षा समितियों को हरसंभव सहयोग करेगी.
फोटो: 1. 2.