Chakulia : चाकुलिया के नामोपाड़ा के रासमंच मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन शुक्रवार को कथा वाचते हुए स्वामी हंसानंद महराज ने कहा कि धर्म और भक्तों की रक्षा के लिए भगवान अवतार लेते हैं. अशुद्धि काल में भागवत कथा कहना और सुनना दोनों ही पाप का अधिकारी बनाता है. भगवान निराकर हैं. परंतु अपने भक्तों की रक्षा करने और धर्म की रक्षा के लिए प्रभु अवतार लेते हैं.भगवान निराकार हैं और हर जगह व्याप्त हैं. मनुष्य का अंत तय है. परंतु प्रभु का नहीं. जीवन को मोक्ष दिलाने का एक मात्र साधन है प्रभु की भक्ति.जीवन का भवसागर से पार करना है तो प्रभु की भक्ति करें. तप और तपस्या से पाप,भय और श्राप से मुक्ति मिलती है.
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भोले बाबा की सजी है बरात, हो नाचो सब झूम झूम के भजन पर उपस्थित सभी श्रोता झूम उठे. उन्होंने कहा कि जीवन में गुरू का बड़ा ही महत्व है. गुरु ही हमें अंधकार से प्रकाश में ले जाते हैं. गुरू त्रिकाल दर्शी होते हैं. मौके पर पद्मश्री जमुना टुडू ने स्वामी हंसानन्द महराज को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया और आशीर्वाद लिया. स्वामी जी ने भी जमुना टुडू को अंग वस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया. इस अवसर पर शंभू नाथ मल्लिक, आनंद ब्रह्मचारी, कमलाकांत प्रमाणिक, लक्ष्मी नारायण दास, चन्द्रदेव महतो, देवदास पंडा, पतित पावन दास, दिलीप कुमार दास, उत्पल पंडा, पशुपति बेरा, पंकज दास, शंकर चंद्र दास, कंचन पंडा, निमाई दास, रंजीत दास, राजु दास, चंदन दास समेत सैकड़ों पुरुष और महिला श्रद्धालु उपस्थित थे.