Chakulia (Dharish Chandra Singh) : फिल्म “हाथी मेरे साथी” का वह गीत “जब जानवर कोई इंसान को मारे… एक जानवर की जान… चुप क्यों है संसार” चाकुलिया में हाई वोल्टेज की तार के चपेट में आकर हुई दो हथिनी की मौत पर चरितार्थ हो रहा है. इंसानों की लापरवाही से दो हथिनी की तड़प-तड़प कर मौत हो गई. आखिर वन विभाग चुप क्यों है? जांच टीम ने घटनास्थल की जांच भी कर ली और हाथी हाई वोल्टेज तार की चपेट में कहां और कैसे आए, के पर्याप्त साक्ष्य भी मिले. जांच में साफ हो गया कि बिजली विभाग के पदाधिकारी और चावल मिल मालिक की लापरवाही से दो हथिनी की मौत हुई है. वन प्रमंडल पदाधिकारी ममता प्रियदर्शी और पदाधिकारियों ने मृत दोनों हथिनी के शव पर पुष्प अर्पित कर और कब्र पर पीपल का पौधा रोपकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री समझ ली. जिनकी लापरवाही से दोनों हथिनी की मौत हुई, उनपर कार्रवाई के लिए वन विभाग शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रहा है.
इसे भी पढ़ें : अमन साहू गिरोह के मयंक सिंह ने ली जिम्मेवारी : कहा हमने करायी मिलेनियम कंस्ट्रक्शन कंपनी की साइट पर फायरिंग
इंसान की जान जाने पर वन पदाधिकारी व नेता हो जाते हैं रेस
चाकुलिया वन क्षेत्र में हाथियों ने पिछले छह वर्षों के दौरान इंसानों की जान और माल को भारी नुकसान पहुंचाया है. जब हाथी किसी इंसान की जान लेते हैं तब वन विभाग के पदाधिकारी और नेता रेस हो जाते हैं. पदाधिकारी ऑन स्पॉट तमाम प्रक्रियाएं पूरी करते हैं. नो टीम गठन और नो जांच. स्थानीय नेता हाथियों को सुरक्षित स्थान पर खदेड़ने की मांग करते हैं. वन विभाग हाथियों को खदेड़ने में जुट भी जाता है, परंतु आज जब इंसानों की लापरवाही से दो हथिनी की मौत हो गई, सभी खामोश हैं. जांच की लंबी प्रक्रिया चल रही है. यह प्रक्रिया कितने दिनों तक चलेगी कहा नहीं जा सकता है. वैसे घटनास्थल पर परिस्थितियां चीख-चीख कर हाथियों के हाई वोल्टेज तार की चपेट में आने की गवाही दे रही हैं. आसपास के लोग भी हाथियों के हाई वोल्टेज के तार की चपेट में आने की कहानी बयां कर रहे हैं. गठित जांच टीम ने घटनास्थल पर आकर हाथियों के हाई वोल्टेज तार की चपेट में आने की स्थितिजनक साक्ष्यों को देखा और परखा. स्थानीय कई लोगों ने टीम के समक्ष इस बात को बताया कि हाथी राइस मिल के तालाब की ऊंची मेंढ़ पर लगभग साढ़े पांच ऊंचे हाई वोल्टेज के तार की चपेट में कैसे आए. बावजूद आज तक जांच पर जांच, जांच पर जांच ही हो रही है.
इसे भी पढ़ें : अलर्ट : आज शहर के बड़े इलाके में साढ़े चार घंटे बिजली बाधित रहेगी
…और ऐसे आए थे हाथी हाई वोल्टेज तार की चपेट में
30 अक्टूबर की शाम को हाथियों का एक दल वार्ड नंबर 9 के शेखपाड़ा से सटी राइस मिल के पीछे बने तालाब के किनारे खेत में धान खाने के लिए आए थे. यह तालाब राइस मिल के गंदा पानी के जमाव के लिए चावल मिल प्रबंधन द्वारा ही बनवाया गया था. तालाब की पश्चिम दिशा में जमीन से लगभग छह फीट ऊंची मेंढ़ बनवाई गई थी. तालाब की घेराबंदी भी नहीं कराई गई थी. मेढ़ के ऊपर लगभग साढ़े पांच फुट की ऊंचाई पर ही 11000 वोल्ट के बिजली के तार गुजरे थे. उक्त तार चावल मिल के ट्रांसफार्मर में ले जाए गए हैं. मेढ़ से सटे धान के खेत में धान खाने के लिए आए कई हाथी मेढ़ पर चढ़े और हाई वोल्टेज तार की चपेट में आ गए. इसकी पुष्टि जांच टीम के समक्ष शेखपाड़ा के कई लोगों ने की. तालाब के पास जांच टीम को परिस्थितिजन्य साक्ष्य भी मिले. यहां तक कि तालाब की मेढ़ पर हाथियों का लीद भी पाया गया. प्रभारी वन क्षेत्र पदाधिकारी सह जांच टीम सचिव दिग्विजय सिंह ने जांच के दौरान कहा था कि बिजली विभाग और संबंधित चावल मिल मालिक को नोटिस किया जाएगा. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.