Chakuliya : चाकुलिया प्रखंड की चालुनिया पंचायत में पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे जयनगर गांव के पास स्थित प्रमुख धार्मिक स्थल कान्हाईश्वर पहाड़ उपेक्षा का दंश झेल रहा है. तीन राज्यों के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र और पर्यटन की असीम संभावनाओं को समेटे इस पहाड़ के पास यात्री सुविधाएं नगण्य हैं. पीने के लिए पानी तक की व्यवस्था नहीं है. यात्री शेड तक नहीं है. पहाड़ तक जाने के लिए संपर्क पथ नहीं है. पहाड़ पर पूजा स्थल तक जाने के लिए सीढ़ी नहीं है. जबकि हर साल पहाड़ पूजा करने के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और विभिन्न दलों के बड़े नेता आते हैं.
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12 मौजा के ग्रामीण पहाड़ पूजा करते हैं
ज्ञात हो कि अच्छी वर्षा और क्षेत्र की खुशहाली के लिए प्रत्येक वर्ष आषाढ़ महीने के तीसरे शनिवार को यहां पहाड़ पूजा करने की वर्षों पुरानी परंपरा है. 12 मौजा के ग्रामीण पहाड़ पूजा करते हैं. इस साल दो जुलाई को यहां पहाड़ पूजा होगी और तीन राज्य के श्रद्धालुओं की भीड़ जुटेगी.
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जलापूर्ति योजना खराब
पहाड़ से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित जयनगर गांव में कई साल पूर्व यात्री विश्रामागार का निर्माण हुआ था. पेयजल के लिए सोलर आधारित जलापूर्ति योजना स्थापित की गई थी. परंतु यात्री विश्रामागार झाड़ियों से घिरा है और जलापूर्ति योजना खराब पड़ी है. पहाड़ के पास पेयजल के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. धूप और वर्षा से बचने के लिए यात्री शेड भी नहीं है. पूजा और मेले के दिन श्रद्धालुओं के लिए टैंकर से पानी मंगाना पड़ता है.
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संपर्क पथ भी नहीं
मुख्य सड़क से पहाड़ तक जाने के लिए संपर्क पथ नहीं है. वन भूमि से करीब एक किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर पहाड़ तक जाया जाता है. पहाड़ पर स्थित पूजा स्थल तक जाने में भी श्रद्धालुओं को परेशानी होती है. क्योंकि पूजा स्थल तक सीढ़ी का निर्माण नहीं हुआ है. पहाड़ पूजा कमेटी और स्थानीय ग्रामीण वर्षों से इस धार्मिक स्थल के पास यात्री सुविधाएं बहाल करने की मांग कर रहे हैं. परंतु आज तक इस दिशा में पहल नहीं हुई है. कान्हाईश्वर पहाड़ पूजा कमेटी के अध्यक्ष सोमाय मांडी ने कहा कि पहाड़ के पास यात्री सुविधाओं का बहाल होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि कान्हाईश्वर पहाड़ पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है. परंतु इस दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है.
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2. खराब हो पड़ी जलापूर्ति योजना 3.