Chakulia (Dharish Chandra Singh) : चाकुलिया प्रखंड की माटियाबांधी पंचायत के घाघरा गांव में शुक्रवार की रात जंगली हाथियों ने भारी उत्पात मचाया. ग्रामीणों के मुताबिक 20 हाथियों के दल ने लगभग दो एकड़ खेत में खड़ी धान और सब्जी की फसल को पैरों से रौंद और खाकर बर्बाद कर दिया. इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. सूचना पाकर वनरक्षी अजीत मुर्मू पहुंचे और फसल की क्षति का जायजा लिया. उन्होंने किसानों को मुआवजा के लिए फार्म उपलब्ध कराया.
इसे भी पढ़ें : पुलिस लाइन में वीर शहीद जवानों को दी गयी श्रद्धांजलि समेत पलामू की दो खबरें
जानकारी के मुताबिक 20 जंगली हाथी जंगल से निकलकर गांव के पास आ पहुंचे और खेत में खड़ी धान की फसल को रौंदने लगे. हाथियों ने वीर सिंह, वीरेंद्र सिंह, अशोक कुमार सिंह, मान सिंह, कोनका सिंह, लालमोहन सिंह के लगभग 2 एकड़ खेत में खड़ी धान और सब्जी की फसल को बर्बाद कर दिया. हाथियों के भय से ग्रामीण अपने घरों में दुबके रहे. धान की फसल को बर्बाद कर हाथी जंगल की ओर चले गए.
इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : स्वर्णरेखा नदी में डूबने से सोनारी के किशोर की मौत
डुमरिया : बालियाढिपा में जल मीनार खराब
Dumaria (Sanat Kumar Pani) : डुमरिया प्रखंड अंतर्गत खैरबनी टोला बालियाढिपा में मुख्यमंत्री जल नल योजना का जल मीनार चार माह से खराब है. ग्रामीणों को पेयजल के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है. ग्रामीण बाबलु महतो, भोजाय हेंब्रम, सोमराय हेंब्रम, हंबाई हेंब्रम, विष्णु पातर, बसंत हेंब्रम, आदि ने बताया कि इस जल मीनार की मरम्मत की मांग पदाधिकारियों से की गई है.
इसे भी पढ़ें : पुलिस लाइन में वीर शहीद जवानों को दी गयी श्रद्धांजलि समेत पलामू की दो खबरें
ग्रामीणों ने जल्द मरम्मत की मांग की है. इस संबंध में मुखिया सुरेंद्र नाथ हेंब्रम ने बताया कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को जल मीनार खराब होने की सूचना दी गई है.
इसे भी पढ़ें : रांची : 22-24 अक्टूबर तक 24 घंटे तैनात रहेंगे चिकित्सक, पांच जगहों पर 108 एंबुलेंस सेवा
मुसाबनी : समस्याओं के मकड़जाल से घिरा विक्रमपुर का सारुदा टोला
Musabani : मुसाबनी प्रखंड अंतर्गत गोहला पंचायत के विक्रमपुर गांव का सारूदा टोला समस्याओं के मकड़जाल से घिर गया है. गांव में दो टोले हैं जिसमें 25 परिवार रहते हैं. मुख्य सड़क से लगभग 2 किलोमीटर पगडंडी से जाना पड़ता है. जो बरसात के समय में नाला और गर्मी में सड़क का काम करता है. इस टोला में कोई बीमार पड़ जाये तो उसको खटिया में ढोकर सड़क तक लाना पड़ता है. पेयजल के लिए एक कुआं है जिसकी पानी दूषित हो चुकी है. वर्ष 2021 में एक डीप बोरिंग की गई थी, लेकिन अभी तक जलमिनर नहीं बनाया गया है. किस विभाग से बोरिंग हुई है ग्रामीणों को कोई जानकारी नहीं है.
इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : महासप्तमी पर मां की आराधना के लिए मंदिर व पंडालों में उमड़े श्रद्धालु
मजबूर होकर ग्रामीण बहता नाला के पानी पीने को विवश हैं. टोला में विद्यालय नहीं है दलमाकोचा प्राथमिक विद्यालय में बच्चे पढ़ने जाते हैं. जो परिवार सक्षम होते हैं अपने रिश्तेदारों के वहां या फिर हॉस्टल में अपने बच्चों को पढ़ाते हैं. निर्धन परिवारों के बच्चे भेड़ बकरी चराने में का काम करते हैं. अंतिम व्यक्ति तक पंहुचने का सरकारी दावा इस टोले में फेर हो जाता है. प्रखंड प्रमुख रामदेव हेंब्रम ने शनिवार को इस टोला के ग्रामीणों से जाकर मिले. ग्रामीणों की आवश्यकताओं की जानकारी ली. प्रमुख ने हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया. साथ में भुकतू मार्डी, बागुन केराई, ग्रामीण फागु हांसदा उपस्थित थे.
[wpse_comments_template]