Ranchi : लोहरदगा में हुए नक्सली हमले में एकबार फिर 15 लाख के इनामी हार्डकोर नक्सली रवींद्र गंझू का नाम सामने आया है. रवींद्र गंझू लगातार नक्सल वारदात को अंजाम देकर पुलिस को चुनौती दे रहा है. वहीं तीन जिलों की पुलिस के लिए सरदर्द बन चुका रविंद्र गंझू अबतक पुलिस की पकड़ से बाहर है.
तीन जिलों की पुलिस के लिए बना है चुनौती
रविंद्र गंझू लातेहार जिला के चंदवा थाना क्षेत्र के हेसला बांझीटोला का रहने वाला है. ये भाकपा माओवादी संगठन का जोनल कमांडर है. इसपर 15 लाख का इनाम भी है. वहीं रविन्द्र गंझू लोहरदगा, गुमला और लातेहार जिला में पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. इन तीनों जिला में रविंद्र गंझू का दस्ता सक्रिय है.
बता दें कि रविंद्र गंझू के दस्ते के साथ पुलिस की कई बार मुठभेड़ हुई. इन मुठभेड़ में रविंद्र गंझू घने जंगल का फायदा उठाकर भागने में हर बार सफल रहता था.बताया जा रहा है कि जोनल कमांडर रवींद्र गंझू के दस्ते में करीब 30 से 40 लोग शामिल हैं. रविंद्र गंझू का दस्ता लेवी वसूलने के साथ-साथ वाहनों में आग लगाकर दहशत फैलाने का भी काम करता है.
पुलिस से बार-बार बचकर निकल जाता है रविन्द्र गंझू
भाकपा माओवादी संगठन का जोनल कमांडर और 15 लाख का इनामी कुख्यात नक्सली रविन्द्र गंझू लोहरदगा, गुमला और लातेहार जिला में पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. पुलिस रविंद्र गंझू के खिलाफ लगातार अभियान भी चलाती है. इसके बावजूद भी पुलिस के हाथ से रविन्द्र गंझू बार-बार बचकर निकल जाता है.
इन तीनों जिलों में नक्सली गंझू का डर ऐसा है कि विकास कार्य में लगी कंपनियों, कारोबारियों से वो लेवी वसूलने का काम करता है और लेवी नहीं देने पर हत्या और आगजनी जैसी घटना को अंजाम देता है.
रविंद्र गंझू की सूचना देनेवाले को सरकार देगी 2 लाख
रविन्द्र गंझू लातेहार, गुमला और लोहरदगा में इतना कुख्यात है कि सरकार ने रविन्द्र गंझू के बारे में जानकारी देने वाले व्यक्ति को दो लाख रुपये नकद इनाम देने की घोषणा कर रखी है. झारखंड पुलिस की ओर से जारी किये गये विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह एक खतरनाक नक्सली है.
जो हिंसा के कई मामलों में सरकार द्वारा वांछित है. अगर इसके बारे में किसी तरह की सूचना हो तो सूचित करें. सूचना देने वाले को 2 लाख रूपये नकद राशि से पुरस्कृत किया जायेगा, साथ ही सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जायेगी.
लातेहार हमले में रविंद्र गंझू का नाम सामने आया है
लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र में शुक्रवार की रात पीसीआर वैन पर हुए नक्सली हमले की पीछे रविंद्र गंझू के दस्ते का हाथ बताया जा रहा है. खबर है कि जिस क्षेत्र में घटना को अंजाम दिया गया है, उस क्षेत्र में रविंद्र गंझू के दस्ते की सक्रियता है. इससे इस बात को पूरा बल मिलता है कि कहीं ना कहीं इस घटना के पीछे रविंद्र गंझू के दस्ते का ही हाथ है.
जिस तरह से सरायकेला में महाराजा प्रमाणिक के दस्ते के द्वारा पुलिसकर्मियों की हत्या की गयी थी, उसी योजना पर रविंद्र गंझू के दस्ते के द्वारा लातेहार में भी पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया गया.
पुलिस ने रविंद्र गंझू की पत्नी को किया था गिरफ्तार
इस वर्ष जुलाई महीने में नक्सली रवींद्र गंझू को दो बड़े झटके लगे थे. 22 जुलाई को लोहरदगा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए रविंद्र गंझू के दस्ते में काम करने वाले हार्डकोर नक्सली फुलेश्वर गंझू को गिरफ्तार किया था. उसके बाद 26 जुलाई को उसकी पत्नी ललिता देवी को लोहरदगा पुलिस ने रायडीह से गिरफ्तार किया था. ललिता देवी पर आरोप था कि वह अपने पति की नक्सल कार्यों में सहयोग करती थी.
कई बार मुठभेड़ में बच निकला रविंद्र गंझू
23 मार्च 2018: लोहरदगा-गुमला जिले के सीमावर्ती सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के चपाल चिलम टोंगरी में भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के जोनल कमांडर रवींद्र गंझू के दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई थी
30 नवंबर 2018: लोहरदगा जिले के सुदूरवर्ती जोबांग और चंदवा थाना क्षेत्र के सीमावर्ती बिरजंघा जंगल-तलसा जंगल में भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के रविन्द्र गंझू के दस्ते और लोहरदगा पुलिस के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई थी.
8 दिसंबर 2018: लोहरदगा-किस्को थाना क्षेत्र के भूसाखाड़ जंगल में शनिवार शाम माओवादी कमांडर रवींद्र गंझू के दस्ते और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी.
16 मार्च 2019: लोहरदगा गुमला बॉर्डर के पेशरार के जंगल के उलिगांव के पास सुरक्षा बलों और नक्सली की मुठभेड़ हुई. ये मुठभेड़ माओवादी रविंद्र गंझू के दस्ते के साथ हुई थी. दोनों ओर से हुई गोलीबारी में सुरक्षा बल को भारी पड़ता देख माओवादी भाग निकले.
2 अगस्त 2019: लोहरदगा जिले के घोर नक्सल प्रभावित पेशरार थाना क्षेत्र के लोहड़ी पहाड़ में रवींद्र गंझू के दस्ता के साथ मुठभेड़ हुई थी.